18.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

नाथ पंथ की सर्वोच्च संस्था अखिल भारतवर्षीय अवधूत भेष बारह पंथ योगी महासभा की बैठक, सीएम योगी ने लिए निर्णय

नाथ पंथ के संतों-महंतों की सर्वोच्च संस्था अखिल भारतवर्षीय अवधूत भेष बारह पंथ योगी महासभा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक रविवार को गोरखनाथ मंदिर में महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष, गोरक्षपीठाधीश्वर एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई.

गोरखपुर. नाथ पंथ के संतों-महंतों की सर्वोच्च संस्था अखिल भारतवर्षीय अवधूत भेष बारह पंथ योगी महासभा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठकबैठक में देशभर के प्रमुख नाथ पंथी योगियों की उपस्थिति में महासभा की भावी योजनाओं समेत विभिन्न विषयों पर चर्चा हुई.देश के वर्तमान सामाजिक व राष्ट्रीय परिस्थितियों में नाथपंथ की भूमिका के निर्धारण में इस बैठक को बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है. उल्लेखनीय है कि यह महासभा देश में नाथपंथी धर्मचार्यों का सबसे बड़ा संगठन भी है. रविवार को हुई बैठक में अखिल भारतवर्षीय अवधूत भेष बारह पंथ योगी महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मस्तनाथ पीठ के महंत सांसद योगी बालकनाथ, महामंत्री महंत चेताईनाथ, जूनागढ़ के महंत बापू शेरनाथ, फतेहपुर शेखावटी के महंत नरहरिनाथ, केदली मठ मैंगलोर के महंत राजा निर्मलनाथ, अंबाला के महंत पारसनाथ, जालौर के महंत गंगानाथ, 18 मठ के महंत समुंदरनाथ सहित सभी पंथों के महंत, पीठाधिपति एवं उनके प्रतिनिधि उपस्थित रहे.

25 सितंबर 2014 को योगी आदित्यनाथ चुने गए अध्यक्ष

सामाजिक एवं राष्ट्रीय एकता, समरसता के अभियान को राष्ट्रव्यापी फलक देने के लिए अखिल भारतवर्षीय अवधूत भेष बारह पंथ योगी महासभा की स्थापना वर्ष 1939 में युगपुरुष ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ महाराज जी द्वारा की गयी थी.वह आजीवन इसके राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे.उनके ब्रह्मलीन होने के बाद 1969 से राष्ट्रसंत ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ जी महाराज इस केंद्रीय संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने गए.वह भी आजीवम इस महासभा के मुखिया रहे.अवेद्यनाथ जी महाराज के समाधिस्थ होने के उपरांत महासभा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने 25 सितंबर 2014 को गोरक्षपीठाधीश्वर महंत योगी आदित्यनाथ को इस केंद्रीय संगठन का निर्विरोध अध्यक्ष चुन लिया. विभिन्न पंथों के मुखिया या उनके प्रतिनिधि योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में मंदिर, मठों या पूजा स्थलों का संचालन करते हैं.

12 उपपंथों में विभाजित है नाथ पंथ

गुरु गोरखनाथ द्वारा प्रवर्तित नाथ पंथ प्रमुख रूप से 12 उपपंथों में विभाजित है.ये सभी उपपंथ साधना-प्रणाली एवं दार्शनिक मत दोनों में साम्य रखते हैं. इन उप पंथों के नाम सतनाथी, रामनाथी, धर्मनाथी, लक्ष्मननाथी, दरियानाथी, गंगानाथी, बैरागीपंथी, रावलपंथी या नागनाथी, जालन्धरनाथी, आई पंथी या ओपन्थी, कापलती या कपिल पंथी और धज्जा नाथी या महावीर पंथी हैं.ये विभिन्न उप पंथ देश के विभिन्न भागों में अपना प्रमुख केंद्र रखते हुए देशव्यापी संगठन से संबद्ध हैं.अखिल भारतवर्षीय अवधूत भेष बारह पंथ योगी महासभा केंद्रीय संगठन की तरह कार्य करती है. इसका मुख्य कार्यालय हरिद्वार में है.

रिपोर्ट : कुमार प्रदीप

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें