पीएलएफआइ के सुप्रीम दिनेश गोप के पकड़े जाने के बाद अब संगठन की जिम्मेवारी किसके कंधे पर होगी, इस पर सवाल उठने शुरू हो गये हैं. सूत्रों की मानें, तो दिनेश गोप के बाद सेकेंड मैन के रूप में मार्टिन केरकेट्टा को संगठन की कमान मिल सकती है. मार्टिन पीएलएफआइ के केंद्रीय समिति का सदस्य है. वह दिनेश गोप के साथ शुरुआती दिनों से रह रहा है.
बताया जाता है कि कामडारा के रेड़मा गांव निवासी मार्टिन केरकेट्टा और दिनेश गोप बचपन से एक साथ लापुंग के महुगांव स्थित स्कूल में पढ़ाई करते थे. बाद में दोनों ने एक साथ संगठन का विस्तार किया. मार्टिन कई घटनाओं में दिनेश गोप के साथ शामिल रहा है. सरकार ने उस पर 15 लाख रुपये का इनाम रखा है. इसके अलावा दिनेश गोप का एक और साथी दुर्गा सिंह भी मार्टिन के साथ कमान संभाल सकता है.
दुर्गा भी फिलहाल संगठन के केंद्रीय समिति में है. वह जरिया के जमाकेल का रहनेवाला है. तीन फरवरी 2023 को पश्चिमी सिंहभूम के सिदमा स्थित गुदड़ी थाना क्षेत्र में पीएलएफआइ और पुलिस में मुठभेड़ हुई थी. इस मुठभेड़ में दिनेश गोप समेत मार्टिन केरकेट्टा भी शामिल था. सूत्रों की मानें, तो नेपाल जाने से पहले पुलिस के साथ दिनेश गोप की अंतिम मुठभेड़ थी, जिसमें पुलिस की गोली दिनेश गोप की बांह में लगी थी. उसके बाद दिनेश गोप और मार्टिन नेपाल पहुंचा, जहां उसने अपना इलाज कराया था. उसकी देखरेख मार्टिन ही कर रहा था. बाद में दिनेश और मार्टिन का नेपाल से पश्चिम सिंहभूम आना-जाना लगा रहा.
पीएलएफआइ सुप्रीमो दिनेश गोप के पास हथियारों का जखीरा है. गिरोह के टॉप कमांडर जहां एके-47 से लैस रहते हैं, वहीं दिनेश गोप अपने पास हमेशा जर्मन राइफल केएच-33 रखता था. सूत्रों की मानें, तो यह अत्याधुनिक और खतरनाक हथियारों में से एक है. बताया जाता है कि इस हथियार को छोड़ कर दिनेश गोप नेपाल गया था. इस बीच एक मई को पुलिस ने पश्चिम सिंहभूम में छापेमारी कर पीएलएफआइ के उग्रवादी सुखराम गुड़िया को गिरफ्तार किया. उसकी निशानदेही पर पुलिस ने अन्य हथियार के साथ जर्मन राइफल केएच-33 भी बरामद किया था. पूछताछ में सुखराम ने ही पुलिस को बताया था कि उक्त हथियार को दिनेश गोप अपने साथ रखता था.