असम से सशस्त्र बल विशेष शक्तियां कानून (AFSPA) को हटाने की तैयारी चल रही है. ऐसी खबर सामने आ रही है कि 2023 के आखिर तक राज्य से यह कानून पूरी से हटा दिया जाएगा. इसको लेकर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने भी संकेत दे दिये हैं.
AFSPA पर क्या बोले सीएम हिमंत सरमा
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, हम 2023 के अंत तक असम से AFSPA को पूरी तरह से वापस लेने का लक्ष्य बना रहे हैं. हम अपने पुलिस बल को प्रशिक्षित करने के लिए पूर्व सैन्य कर्मियों को भी शामिल करेंगे. दरअसल हिमंत बिस्वा सरमा कमांडेंट सम्मेलन को संबोधित करते हुए इसके संकेत दिये हैं.
क्या है AFSPA कानून
उग्रवाद और अलगाववाद से जूझ रहे असम, मणिपुर और नागालैंड में 1958 में AFSPA कानून को लागू किया गया था. इन राज्यों में शांति लाने के उद्देश्य से इसको 22 मई 1958 में अमल में लाया गया. इस कानून के तहत सुरक्षा बलों को असीमित अधिकार दिये गये हैं. जैसे बिना अनुमति के सुरक्षा बल किसी भी व्यक्ति की जांच कर सकता है. तलाशी लेने की छूट दी गयी है. सुरक्षा बलों को यह अधिकार दिया गया है कि वह शक आधार पर संदिग्ध ठिकानों को तबाह कर सकते हैं. इसके अलावा सुरक्षा बल को यह अधिकार दिया गया है कि खवह बिना वारंट किसी को भी गिरफ्तार कर सकता है. इस कानून की हमेशा से विरोध होता आया है.
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We are aiming at withdrawing AFSPA completely from Assam by the end of 2023. We will also rope in ex-military personnel to train our police force: Assam CM Himanta Biswa Sarma pic.twitter.com/1WXcXwUIss
— ANI (@ANI) May 22, 2023
हिमंत बिस्वा सरमा के भाषण की अहम बातें
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कमांडेंटों का सम्मेलन हर छह महीने में आयोजित किया जाएगा
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मुख्यमंत्री राज्य भर में बटालियनों का दौरा करेंगे
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सेवानिवृत्त फौजी पुलिस को प्रशिक्षण देंगे. उनके पास अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक का पद होगा.
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कमांडेंटों और फोर्स की मानसिकता में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए बटालियनों में माहौल बनाने का प्रयास किया जाएगा.
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बटालियनों को सशक्त बनाने के लिए कदम उठाए जाएंगे ताकि वे न्यूनतम बल प्रयोग के साथ कानून और व्यवस्था के मुद्दों से निपट सकें.
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नवंबर तक पूरे राज्य से अफस्पा हटाया जा सकता है. यह असम पुलिस बटालियनों द्वारा CAPFS के प्रतिस्थापन की सुविधा प्रदान करेगा. हालाँकि, कानून द्वारा आवश्यक CAPFS की उपस्थिति लागू होगी.
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कमांडेंट के रूप में कुशल और पेशेवर पुलिस अधिकारियों की पदस्थापना के लिए कदम उठाए जाएंगे
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शराब पीने जैसी आदत, मोटापा और गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुए सरकार अधिकारियों सहित खराब प्रदर्शन करने वाले पुलिस कर्मियों की सूची तैयार करेगी. इससे सरकार को उन्हें वीआरएस देने में मदद मिलेगी.