पटना के श्रीकृष्णापुरी थाने के उत्तरी आनंदपुरी स्थित राजाराम अपार्टमेंट में नकली नाेट के साथ गिरफ्तार अयुब व रतन ने फर्जी नाम की वेब सीरिज देख कर जल्दी अमीर होने के लिए शराब के धंधे के साथ ही नकली नोटों की छपाई शुरू कर दी थी. पुलिस को इनके नकली नोट छापने की जानकारी नहीं थी. लेकिन जब शराब के चक्कर में छापेमारी की तो नकली नोटों की छपाई और बाजार में खपाने का खुलासा हो गया. इन लोगों ने एक युवती को भी अपने गिरोह में शामिल कर रखा था, जो नकली नोटों को खपाती थी.
पुलिस की छापेमारी के पहले ही यह युवती अपने अन्य साथियों नालंदा के मनीष, सीतामढ़ी का सचिन, कटिहार का माे. शमीम के साथ फरार हो गयी. जबकि अयुब खिड़की के रास्ते भागने के चक्कर में चोटिल हो गया. जिसका फिलहाल इलाज किया जा रहा है. हालांकि मंगलवार को पुलिस ने रतन यादव को जेल भेज दिया. इस मामले में अब इओयू भी अपने स्तर से जांच कर रही है. रतन यादव चालक का काम करता है. इधर, बरामद लैपटॉप, मोबाइल फोन व नकली नोटों को जांच के लिए एफएसएल भी भेजा जायेगा.
अयुब से पुलिस को जो जानकारी मिली है उसके अनुसार मनीष ही नकली नोटों की छपाई करता था. जबकि अन्य सभी मिल कर नोट खपाते थे. खास कर पेट्रोल पंप पर नोट को बड़ी संख्या में खपाते थे. बताया जाता है कि अयुब और सचिन ने ही कारोबारी दीवान चंद्र से छात्र बन कर फ्लैट को किराये पर लिया था. इसके बाद पहले शराब का कारोबार शुरू किया और फिर फर्जी नाम की वेब सीरिज को देख कर नोट की छपाई भी शुरू कर दी. विदित हो कि पिछले साल सितंबर माह में राजाबाजार इलाके से पुलिस ने 2.17 लाख के नकली नाेट को बरामद किया था. इस मामले में दिनेश यादव व सुशील कुमार मिश्रा की गिरफ्तारी की गयी थी.