बेंगलुरु : कर्नाटक में शनिवार को मंत्रिमंडल का विस्तार हो गया. मंत्रिमंडल विस्तार में कांग्रेस के 24 विधायकों को मंत्री के तौर पर शपथ दिलाई गई. इसके साथ ही, मंत्रियों के विभागों का बंटवारा भी कर दिया गया है. राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. सबसे बड़ी बात यह है कि इस मंत्रिमंडल विस्तार में कांग्रेस ने कर्नाटक में जाति समीकरण को भी साधने का प्रयास किया है. मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के मंत्रिमंडल में लिंगायत समुदाय से करीब आठ और वोक्कालिगा समुदाय से छह विधायकों को मंत्री पद दिया गया है.
एससी, एसटी, मराठी और ब्राह्मण को भी जगह
मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के मंत्रिमंडल में वोक्कालिगा समुदाय के छह, लिंगायत समुदाय के आठ, अनुसूचित जाति के चार, अनुसूचित जनजाति के तीन, मुस्लिम समुदाय से दो और इसाई समुदाय के एक विधायक को शामिल किया गया है. रिपोर्ट में बताया यह भी जा रहा है कि कर्नाटक के नए मंत्रिमंडल में मराठी और ब्राह्मण समुदाय के विधायकों को भी शामिल किया गया है.
इन विधायकों ने ली शपथ
कर्नाटक के राजभवन में आयोजित शपथग्रहण समारोह में 23 विधायकों ने कन्नड़ में एक ने अंग्रेजी में शपथ ली. कर्नाटक मंत्रिमंडल में शपथ लेने वाले विधायकों में एचके पाटिल, कृष्णा बायरेगौड़ा, एन चेलुवरायस्वामी, के वेंकटेश, एच सी महादेवप्पा, प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष ईश्वर खंडरे और पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दिनेश गुंडु राव शामिल हैं. इनके अलावा, के एन राजन्ना, शरणबसप्पा दर्शनपुर, शिवानंद पाटिल, रामप्पा बलप्पा तिम्मापुर, एस एस मल्लिकार्जुन, शिवराज संगप्पा तंगदागी, शरणप्रकाश रुद्रप्पा पाटिल, मंकल वैद्य, लक्ष्मी हेब्बलकर, रहीम खान, डी सुधाकर, संतोष लाड, एन एस बोसराजू, सुरेश बी एस, मधु बंगारप्पा, एम सी सुधाकर और बी नागेंद्र शपथ लेने वाले विधायकों में शामिल हैं.
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इन नेताओं को नहीं मिली जगह
इससे पूर्व में सिद्धरमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे एवं चार बार विधायक चुने गए एम कृष्णप्पा को इस बार मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया है. कृष्णप्पा समेत जिन विधायकों को मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली है, उनके समर्थकों ने शपथ ग्रहण समारोह के दौरान नारेबाजी की. इस दौरान उनके हाथों में, अपने नेताओं को मंत्रिमंडल में जगह दिए जाने की मांग करने वाले पोस्टर थे. कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक, लक्ष्मी हेब्बलकर, मधु बंगारप्पा, डी सुधाकर, चेलुवरायस्वामी, मंकल वैद्य और एम सी सुधाकर को शिवकुमार का करीबी माना जाता है.