बिहार के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर जन्म के बाद लड़कियों का आधार (Aadhar Card) आराम से बन सकें. इसके लिए राज्य सरकार ने समाज कल्याण विभाग को दिशा-निर्देश कुछ माह पूर्व में जारी किया है, ताकि केंद्रों पर या उनके सहयोग से जन्म के बाद तुरंत बाद आधार बनाया जा सकें और लड़कियों को योजना का लाभ मिल सकें. इसके लिए समाज कल्याण विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है. सबसे पहले केंद्र की सहायिका-सहायिका लाभुकों के आधार को बनाने में सहयोग करेंगी. इससे बच्चों के अभिभावकों को अब भटकना नहीं पड़ेगा.
राज्य सरकार ने योजना के तहत कन्या भ्रूण हत्या रोकना, लड़कियों के जन्म, निबंधन एवं संपूर्ण टीकाकरण, लिंग अनुपात में वृद्धि, बालिका शिशु मृत्यु दर को कम करना, बालिका शिक्षा को बढ़ाने, बाल विवाह रोकने प्रजनन दर में कमी लाने के लिए इसे लागू किया है. योजना से लड़कियों को लाभ मिल रहा है.
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राज्य की सभी लड़कियों को जन्म से लेकर स्नातक पूरा करने तक योजना का लाभ दिया जाता है. योजना का लाभ परिवार के दो बच्चों तक सीमित है . प्रारंभ में योजना के तहत एक कन्या को स्नातक होने तक कुल 54100 रुपये देने का प्रावधान है, लेकिन इसमें आंशिक संसोधन के बाद अविवाहित इंटर पास कन्या को 10 हजार के स्थान पर 25 हजार रुपया और स्नातक पास कन्या को 25 हजार की जगह 50 हजार देने का प्रावधान किया गया है. अब कुल 94100 रुपया देने का प्रावधान हे.
कन्या के जन्म पर माता-पिता के बैंक खाता में दो हजार रुपया एवं एक साल पूरा होने तथा आधार पंजीकरण कराने पर माता-पिता व अभिभावक के बैंक खाते में एक हजार रुपये देने का प्रावधान है.
ई- कन्या पोर्टल के माध्यम से जुलाई 2020 से योजना का आवेदन लिया और भुगतान किया जा रहा है. 2021-22 तक जीरो से एक साल की 731649 कन्याओं, एक-दो साल के 82151 कन्याओं को लाभ प्राप्त हुआ है. 2022-23 में जीरो से एक साल की 315157 कन्याओं, एक से दो साल के 24891 कन्याओं को लाभ मिला है.