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धनबाद-गोमो रेलखंड हादसा : कैसे हुई दुर्घटना? रेल प्रशासन ने दिये घटना की जांच के आदेश

रेल प्रशासन ने घटना की जांच का आदेश दिया है. दुर्घटना में मरने वाले अधिकतर मजदूर पलामू, लातेहार के रहने वाले थे. घटना के कारण लगभग 3.20 घंटे अप तथा डाउन लाइन पर ट्रेनों का परिचालन बाधित रहा

धनबाद-गोमो रेलखंड पर सोमवार को निचितपुर हॉल्ट तथा तेतुलमारी स्टेशन के बीच झारखोर रेलवे क्रॉसिंग के पास बिजली का पोल लगाने के क्रम में करंट लगने से छह ठेका मजदूरों की घटनास्थल पर मौत हो गयी. पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए एसएनएमएमसीएच भेज दिया है.

रेल प्रशासन ने घटना की जांच का आदेश दिया है. दुर्घटना में मरने वाले अधिकतर मजदूर पलामू, लातेहार के रहने वाले थे. घटना के कारण लगभग 3.20 घंटे अप तथा डाउन लाइन पर ट्रेनों का परिचालन बाधित रहा, जिससे यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा.

कैसे घटी घटना

सूत्रों के अनुसार बिना शटडाउन लिए रेलवे लाइन के किनारे नया पोल लगाने का काम चल रहा था. पोल के ऊपरी भाग से महज एक से दो फीट की दूरी पर ओवर हेड तार था. उक्त काम ठेका मजदूर कर रहे थे. सोमवार डाउन लाइन के पोल नंबर 283/14 तथा 283/16 के बीच इंजीनियरिंग गेट संख्या7/ए/ इ के निकट 11:30 बजे खड़ा करने के दौरान पोल असंतुलित होकर डाउन लाइन के ओवरहेड तार से सट गया, उससे घटनास्थल पर ही छह ठेका मजदूरों की मौत हो गयी.

मृतक पलामू, लातेहार तथा इलाहाबाद के बताये जा रहे हैं. घटना की सूचना पाते ही गोमो तथा धनबाद से टावर वैगन कर्मचारी, धनबाद से मेडिकल वैन तुरंत घटनास्थल के लिए रवाना हो गया. डीआरएम कमल किशोर सिन्हा, एडीआरएम एके मेहता, वरीय मंडल अभियंता (2) अमित कुमार, वरीय मंडल विद्युत अभियंता (टीआरडी) भजन लाल, वरीय मंडल संरक्षा अधिकारी मनीष सौरभ समेत कई अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे.

ओवरहेड तार को जांच करने के बाद शवों को हटाने का काम शुरू हुआ. दो घंटे से अधिक की मशक्कत के बाद शवों को बाहर निकाला जा सका. कई शव मिट्टी के अंदर दफन हो गये थे. इसके बाद परिचालन शुरू करने की अनुमति दी गयी. दोपहर तीन बजे डाउन लाइन पर कालका मेल को पास कराया गया. वहीं अप लाइन पर 3.05 बजे मालगाड़ी गुजरी.

गति शक्ति का चल रहा है काम

रेलवे की महत्वाकांक्षी योजन गति शक्ति योजना के तहत प्रधानखांटा से गया तक एचओई, एसएसपी समेत अन्य काम चल रहा है. रेल विकास निगम लिमिटेड कंपनी के अंदर में इसका ठेका कोलकाता की संजय-शिखा एजेंसी को दी गयी है. इस काम के लिए करीब 120 करोड़ रुपये का टेंडर हुआ है. इसी के तहत काम कराया जा रहा है. ट्रेनों की स्पीड 120 से 160 किलोमीटर प्रति घंटे रफ्तार करने के लिए काम चल रहा था.

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