बरेली : बहुजन समाज पार्टी (बसपा) एक के बाद एक चुनाव हार रही है. पार्टी का लगातार जनाधार घट रहा है. यूपी विधानसभा चुनाव में सिर्फ एक ही सीट पर जीत हासिल हुई थी.पार्टी का वोट घटकर सिर्फ 13 फीसद रह गया. लगातार हार से बीएसपी चीफ मायावती काफी खफा हैं. हालांकि उनको उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव 2023 को लेकर काफी उम्मीद थी. इस चुनाव में भी बसपा के हाथ कुछ नहीं आया. वर्ष 2017 के निकाय चुनाव में 16 नगर निगम से 2 निगम में जीत हासिल की थी. इस बार एक नगर निगम बढ़ने के कारण 17 नगर निगम हो गई, लेकिन बसपा के हाथ से दोनों निगम भी छीन गई. नगर पालिका और नगर पंचायतों में भी बसपा का ग्राफ नीचे आया है.
बसपा ने यूपी की 200 नगर पालिका में से 16, और 545 नगर पंचायत में से सिर्फ 37 नगर पंचायत में बसपा उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है. यह भी पिछली बार से काफी कम हैं. अब बीएसपी चीफ मायावती निकाय चुनाव के रिजल्ट से काफी खफा हैं. उन्होंने बरेली समेत जिलों के संगठन पदाधिकारियों से पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल नेताओं की रिपोर्ट तलब की है. इसके साथ ही पार्टी प्रत्याशियों को हराने वाले नेताओं की भी रिपोर्ट मांगी है. यह रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई होना तय है. बताया जाता है कि अधिकांश जिलों में बसपा नेताओं ने निर्दलीय उम्मीदवारों पर दांव लगाया था. ऐसे नेताओं की भी रिपोर्ट मांगी है. अब बसपा प्रमुख मंडल, बूथ और सेक्टर इंचार्ज का संगठन नए सिरे से खड़ा करने के निर्देश दिए हैं. निष्क्रिय पदाधिकारियों को भी हटाने की कवायद शुरू हो गई है.
बसपा प्रमुख मायावती लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर काफी फिक्रमंद हैं.इस चुनाव में पार्टी के खराब प्रदर्शन से पार्टी का राष्ट्रीय दर्जा भी जा सकता है. इसको लेकर मायावती ने संगठन के पदाधिकारियों को “वोट हमारा राज तुम्हारा नहीं चलेगा” अभियान गांव-गांव तक तेजी के साथ चलाने का निर्देश दिया है. इससे लोकसभा में जीत हासिल कर सके.
बसपा प्रमुख लोकसभा चुनाव, 2024 में किसी पार्टी से गठबंधन करने की इच्छुक नहीं हैं. वह अपने दम पर चुनाव जीतने की कोशिश में हैं. इसलिए उन्होंने निकाय चुनाव में दलित-मुस्लिम गठबंधन पर जोर दिया था. मगर, यह फ्लॉप साबित हो गया.बसपा ने 17 नगर निगम में से 11 निगम में मुस्लिम कैंडिडेट उतारे थे.
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बसपा के एक पुराने नेता ने बताया कि पार्टी प्रमुख मायावती समय समय पर भाजपा की नीतियों की तारीफ करती हैं.इसके साथ ही राष्ट्रपति का चुनाव हो, या नई लोकसभा के उद्घघाटन के मुद्दे पर भाजपा के साथ खड़ी नजर आई हैं.इसी को लेकर बसपा का वोट बैंक खिसक रहा है.
वर्जन
लोकसभा चुनाव को लेकर पार्टी ने तैयारियां शुरू कर दी हैं.निकाय चुनाव की हार की खामियां तलाशी जा रही हैं.इसके साथ ही निष्क्रिय पदाधिकारियों को हटाकर नए लोगों को जिम्मेदारी दी जाएगी.
जयपाल सिंह, जिलाध्यक्ष बसपा बरेली
रिपोर्ट मुहम्मद साजिद, बरेली