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‘शिवाजी ने हमें गुलामी की मानसिकता से बाहर निकाला’, राज्याभिषेक की 350वीं वर्षगांठ पर बोले पीएम मोदी

शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक की 350वीं वर्षगांठ के मौके पर आयोजित एक समारोह को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, ‘‘छत्रपति शिवाजी महाराज का व्यक्तित्व अद्भुत था. उन्होंने स्वराज की भी स्थापना की और सुराज को भी कायम किया. वह अपने शौर्य के लिए भी जाने जाते हैं और अपने सुशासन के लिए भी.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन को प्रेरणा व ऊर्जा का स्रोत करार देते हुए शुक्रवार को कहा कि उनके कार्य, शासन प्रणाली और नीतियां आज भी उतनी ही प्रासंगिक हैं. शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक की 350वीं वर्षगांठ के मौके पर आयोजित एक समारोह को वीडियो संदेश के माध्यम से संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, ‘‘छत्रपति शिवाजी महाराज का व्यक्तित्व अद्भुत था. उन्होंने स्वराज की भी स्थापना की और सुराज को भी कायम किया. वह अपने शौर्य के लिए भी जाने जाते हैं और अपने सुशासन के लिए भी. उन्होंने राष्ट्र निर्माण का एक व्यापक दृष्टिकोण भी सामने रखा. उन्होंने शासन का लोक कल्याणकारी चरित्र लोगों के सामने रखा.’’

शिवाजी महाराज का कार्य, शासन प्रणाली और नीतियां आज भी उतनी ही प्रासंगिक- पीएम मोदी 

प्रधानमंत्री ने कहा कि शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक दिवस नई चेतना, नई ऊर्जा लेकर आया है. उन्होंने कहा, ‘‘शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक उस कालखंड का एक अद्भुत और विशिष्ट अध्याय है. राष्ट्र कल्याण और लोक कल्याण उनकी शासन व्यवस्था के मूल तत्व रहे हैं.’’ मोदी ने कहा कि उनके कार्य, शासन प्रणाली और नीतियां आज भी उतनी ही प्रासंगिक हैं और उन्होंने भारत के सामर्थ्य को पहचान कर जिस तरह से नौसेना का विस्तार किया, वह आज भी हमें प्रेरणा देता है.

‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’

उन्होंने कहा, ‘‘यह हमारी सरकार का सौभाग्य है कि छत्रपति शिवाजी महाराज से प्रेरणा लेकर पिछले साल भारत ने गुलामी के एक निशान से नौसेना को मुक्ति दे दी. अंग्रेजी शासन की पहचान को हटा कर शिवाजी महाराज की राज-मुद्रा को जगह दी गई है.’’ मोदी ने कहा कि उन्होंने हमेशा भारत की एकता और अखंडता को सर्वोपरि रखा और आज ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ की दृष्टि में शिवाजी महाराज के विचारों का ही प्रतिबिंब देखा जा सकता है.

‘शिवाजी ने हमें गुलामी की मानसिकता से बाहर निकाला’

उन्होंने कहा, ‘‘सैंकड़ों वर्षों की गुलामी ने देशवासियों से उनका आत्मविश्वास छीन लिया था, ऐसे समय में लोगों में आत्मविश्वास जगाना एक कठिन कार्य था. उस दौर में छत्रपति शिवाजी महाराज ने ना केवल आक्रमणकारियों का मुकाबला किया बल्कि जन मानस में यह विश्वास भी कायम किया कि स्वयं का राज संभव है.’’

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस रहे उपस्थित 

छात्रपति शिवाजी महाराज ने कई वर्षों तक मुगल बादशाह औरंगजेब से संघर्ष किया. मुगल सेना को धूल चटाते हुए सन 1674 में पश्चिम भारत में उन्होंने मराठा साम्राज्य की नींव रखी. ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार, मराठा योद्धा शिवाजी महाराज का रायगढ़ किले में छह जून, 1674 को राज्याभिषेक हुआ था, जहां उन्होंने ‘हिंदवी स्वराज’ की नींव रखी थी. हिंदू कैलेंडर के अनुसार, इस साल राज्याभिषेक की वर्षगांठ दो जून को है. छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक की 350वीं वर्षगांठ के अवसर पर महाराष्ट्र के रायगढ़ किले में शुक्रवार को सुबह आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भाग लिया.

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