Kabir Das Jayanti 2023 Date: इस साल 4 जून 2023 को कबीरदास जयंती है. इस साल यानी 2023 में महाकवि कबीर की 646 वीं जयंती है. कहते हैं 1455 संवत में कबीरदास जी का जन्म ज्येष्ठ पूर्णिमा तिथि पर हुआ था. इसलिए कबीर की जयंती प्रतिवर्ष ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा तिथि पर बड़े धूमधाम के साथ मनाया जाता है.
कहते हैं संत कबीर की दिव्य वाणी आज भी लोगों को अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने में अहम भूमिक निभाती है. कबीर दास जयंती पर जानते हैं उनके वह प्रेरणादायक दोहे जो आपके जीवन को सही राह दिखाकर सफलता के मार्ग पर ले जा सकते हैं.
कबीरदास जी हिंदी साहित्य के ऐसे कवि थे, जिन्होंने समाज में फैले आडंबरों को अपनी लेखनी के जरिए उस पर कुठाराघात किया था. संत कबीरदास जी ने आजीवन समाज में फैली बुराइयों और अंधविश्वास की निंदा करते रहे. उन्होंने अपने दोहों के माध्यम से जीवन जीने की कई सीख दी हैं.
1. माला फेरत जुग गया, गया न मन का फेर।
कर का मन का डारि दे, मन का मनका फेर॥
2. कबीर संगत साधु की, नित प्रति कीजै जाय।
दुरमति दूर बहावासी, देशी सुमति बताय॥
3. तिनका कबहुं ना निंदए, जो पांव तले होए।
कबहुं उड़ अंखियन पड़े, पीर घनेरी होए॥
4. कबीर विषधर बहु मिले, मणिधर मिला न कोय।
विषधर को मणिधर मिले, विष तजि अमृत होय।।
5. माटी कहे कुम्हार से, तू क्या रौंदे मोय।
एक दिन ऐसा आएगा, मैं रौंदूगी तोय॥
6. कबीर संगति साधु की, निष्फल कभी न होय।
ऐसी चंदन वासना, नीम न कहसी कोय ।।
7. गुरु गोविंद दोऊं खड़े, काके लागूं पांय।
बलिहारी गुरु आपकी, गोविंद दियो बताय॥
8. साईं इतना दीजिए, जा मे कुटुम समाय।
मैं भी भूखा न रहूं, साधु ना भूखा जाय॥
9. एक घड़ी आधी घड़ी, आधी में पुनि आध।
कबीर संगत साधु की, कटै कोटि अपराध।।
10. सज्जन सो सज्जन मिले, होवे दो दो बात।
गदहा सो गदहा मिले, खावे दो दो लात।।