Vastu Tips वास्तु शास्त्र में अग्नि, वायु और जल के लिए दिशाएं निर्धारित है. कहा जाता है कि वास्तु के अनुसार ही घर में इन तत्वों को रखना चाहिए. वरना वास्तु दोष का आप कारण बन सकते हैं . इसके साथ ही आपके घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ सकता है. वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ पंडित संजीत कुमार मिश्रा कहते हैं कि आपको अपने घर में पानी की टंकी को सही दिशा में रखना बहुत जरूरी है.
अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो यह आपके लिए बहुत नुकसानदायक होगा. पानी की टंकी जल संग्रह करने के लिए रखी जाती है. पानी की टंकी दो प्रकार की होती है. एक भूमिगत पानी की टंकी और दूसरी छत की टंकी. दोनों प्रकार की पानी की टंकियों के लिए वास्तु में अलग अलग निर्देश है. आप अगर ऐसा नहीं करते हैं तो आपको धन की हानि होगी. इसके साथ ही आप कई प्रकार के बीमारियों के भी शिकार हो सकते हैं. आइए जानते हैं पानी की टंकी को किस दिशा में रखना चाहिए और किस दिशा में नहीं रखना चाहिए.
भूमिगत पानी की टंकी को आप अपने घर के दो भागों में रख सकते है. इसे आप उत्तर दिशा तथा उत्तर पूर्व दिशा में रख सकते हैं. यह भूमिगत पानी की टंकी के लिए सबसे उत्तम दिशा है. लेकिन, आपको एक बात का ध्यान रखना चाहिए. यह पूर्व इशान कोण नहीं होना चाहिए. क्योकि इस दिशा को काफी संवेदनशील माना जाता है. इस क्षेत्र में खुदाई करना या कील गाड़ना वर्जित होता है .
छत पर रखी जाने वाली पानी की टंकी को ओवर हेड पानी की टंकी कहा जाता है. भवन की छत पर रखी जाने वाली पानी की टंकी दक्षिण और पश्चिम में आप रख सकते हैं. यह दिशा राक्षस का स्थान माना जाता है. इस स्थान पर भारी वजन वाली चीजें रखनी चाहिए. पानी की टंकी इस दिशा में रखी जाती है तो यह दिशा बेहतर होती है. कहा जाता है कि ऐसा करने से घर का मुखिया सुखी संपन्न रहता है और उनके आय के साधन बढ़ जाते हैं .
यदि नलकूप एवं पानी की टंकी को वास्तु अनुसार रखने का उचित स्थान नहीं हो तो इसे पूर्वी इशान अथवा उत्तरी इशान कोण में एक छोटी भूमिगत टंकी बनाकर रखना चाहिए. फिर पूरे भवन में वहां से ही पानी का प्रयोग करने से वास्तुदोष दूर हो जाते हैं .
ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
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