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Odisha Train Accident: भारतीय रेल के इतिहास में अब तक का चौथा सबसे भीषण हादसा, 23 घंटे चला रेस्क्यू

ओडिशा के बालासोर में हुआ ट्रेन हादसा, भारतीय रेल के इतिहास का अब तक का चौथा सबसे भीषण हादसा बताया जा रहा है. इस हादसे के बाद हाहाकार मच गया. अब तक 288 लोगों की मौत हो गई. जबकि 1100 घायल और 56 गंभीर हैं. आशंका है की मौत के आंकड़े बढ़ सकते हैं.

एजेंसियां, बालासोर/भुवनेश्वर. ओडिशा के बालासोर जिले के बाहानगा में शुक्रवार शाम कोरोमंडल एक्सप्रेस और बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस ट्रेन के पटरी से उतरने और एक मालगाड़ी से टकराने से जुड़े रेल हादसे में मृतक संख्या शनिवार को बढ़कर 288 हो गयी. देश के सबसे भीषण रेल हादसों में शामिल इस दुर्घटना में करीब 1100 यात्री घायल हुए हैं. इनमें से 56 की हालत काफी गंभीर हैं.

23 घंटे तक चला राहत एवं बचाव कार्य

घटना में कोलकाता, हावड़ा सहित पश्चिम बंगाल के अन्य जिलों और कई अन्य राज्यों से बड़ी संख्या में लोग हताहत हुए हैं. स्थिति का जायजा लेने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को वायुसेना के हेलीकॉप्टर से बालासोर पहुंचे. उन्होंने बाहानगा स्थिति घटनास्थल का दौरा भी किया. प्रधानमंत्री मोदी के साथ केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव, धर्मेंद्र प्रधान भी थे. बचाव व राहत कार्य में एनडीआरएफ सहित सेना के जवान भी शामिल थे. राहत एवं बचाव का कार्य 23 घंटे तक चला.

जमीन में धंस गया था ट्रेन का एक डिब्बा

रेल अधिकारियों ने बताया कि हादसे के कारण जमीन में धंस गये एक डिब्बे को शनिवार को क्रेन और बुलडोजर की मदद से ऊपर लाया गया. यह आखिरी डिब्बा था, जिस तक बचावकर्ता अभी तक पहुंच नहीं पाये थे. रेलवे ने इस हादसे के कारणों का पता लगाने के लिए उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिये हैं.

दुर्घटनास्थल पर जाने से पहले पीएम ने की समीक्षा बैठक

दुर्घटनास्थल पर पहुंचने से पहले प्रधानमंत्री ने दुर्घटना के संबंध में स्थिति की समीक्षा के लिए शनिवार को बैठक की. इस बैठक में गृह मंत्री अमित शाह और सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया. बैठक में उन्होंने बचाव व राहत कार्य की समीक्षा की. साथ ही घटना की विस्तृत जानकारी हासिल की. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी बालासोर स्थित घटनास्थल पर गयीं. स्थिति का जायजा लिया और रेल मंत्री से बात की.

चौथा सबसे भीषण रेल हादसा

भुवनेश्वर में अधिकारियों ने बताया, 1,200 कर्मियों के अलावा 200 एंबुलेंस, 50 बस और 45 सचल स्वास्थ्य इकाइयों की मदद से राहत कार्य चलाया गया. अधिकारियों ने बताया कि वायुसेना ने गंभीर रूप से घायल यात्रियों को बाहर निकालने के लिए चिकित्सकीय दलों के साथ दो हेलीकॉप्टर भेजे थे. बताया गया है कि यह दुर्घटना भारतीय रेल इतिहास का अब तक का चौथा सबसे भीषण हादसा है.

सिग्नल में गड़बड़ी का अंदेशा

रेल मंत्रालय ने इस दुर्घटना की जांच के आदेश दिये हैं.भारतीय रेलवे ने एक बयान में बताया कि इस ट्रेन दुर्घटना की जांच दक्षिण-पूर्वी प्रखंड के रेलवे सुरक्षा आयुक्त एएम चौधरी करेंगे. रेलवे सुरक्षा आयुक्त नागर विमानन मंत्रालय के अधीन काम करता है. हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि हादसा किस वजह से हुआ. लेकिन सूत्रों ने संकेत दिया है कि इसका संभावित कारण सिग्नल में गड़बड़ी होना है.

‘इंसानियत अभी जिंदा है’

अधिकारियों ने बताया कि पुलिसकर्मी और स्थानीय लोग स्वेच्छा से यहां और कई अन्य अस्पतालों में रक्तदान कर रहे हैं. अस्पताल के मुर्दाघर में सफेद कफन में लिपटे शवों का ढेर लगा हुआ है, जिनमें से कई की अभी तक शिनाख्त नहीं हो पायी है. अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि हादसे का शिकार हुए कई लोगों के रिश्तेदार अभी तक शहर नहीं पहुंच पाए हैं, क्योंकि प्रमुख रेल मार्ग पर दुर्घटना के कारण कई ट्रेन को रद्द कर दिया गया है, कई के मार्ग में परिवर्तन किया गया है और कई ट्रेन देरी से चल रही हैं.

इन फ्लाइट्स के टिकटों के दाम बढ़ाने पर रोक

नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने शनिवार को सभी एयरलाइंस को निर्देश दिया कि भुवनेश्वर आने-जाने वाली उड़ानों के किराये में असामान्य वृद्धि पर निगरानी रखें और ऐसा होने से रोकने के लिए जरूरी कदम उठाएं. दुर्घटना के कारण किसी हवाई यात्रा के टिकट को रद्द करने और यात्रा का पुनर्निधारण करने पर कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लेना चाहिए.

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