रांची, सुनील कुमार झा. झारखंड में अब शराब की बोतलों पर लगाया जानेवाला होलोग्राम छापने की जिम्मेदारी भारत सरकार के नासिक स्थित प्रेस को देने की तैयारी हो रही है. इसके लिए आवश्यक प्रक्रिया पूरी की जा रही है. वहीं, सरकार ने ‘प्रिज्म होलोग्राफिक एंड फिल्म्स सिक्यूरिटीज प्राइवेट लिमिटेड’ से होलोग्राम छापने का काम वापस ले लिया है. इस संबंध में पत्र जारी कर दिया गया है. नयी शराब नीति-2022 के तहत थोक शराब आपूर्ति करनेवाली दोनों कंपनियों, सलाहकार और खुदरा शराब बेचनेवाली एजेंसी पहले ही झारखंड से बाहर की जा चुकी हैं.
पहले होलोग्राम छापने की जिम्मेदारी नासिक प्रेस को
गौरतलब है कि झारखंड में ‘नयी शराब नीति-2022’ के लागू होने से पहले होलोग्राम छापने की जिम्मेदारी नासिक प्रेस को ही दी गयी थी. नयी शराब नीति के तहत होलोग्राम छापने का काम पांच साल के लिए ‘प्रिज्म होलोग्राफिक एंड फिल्म्स सिक्यूरिटीज प्राइवेट लिमिटेड’ को दिया गया था. हालांकि, एक साल में ही कंपनी से काम वापस ले लिया गया. क्योंकि, यह कंपनी छत्तीसगढ़ शराब घोटला में संलिप्त पायी गयी है. छत्तीसगढ़ में भी इसी कंपनी को होलोग्राम छापने की जिम्मेदारी मिली थी.
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पिछले वर्ष 448 करोड़ राजस्व का हुआ नुकसान
राज्य में वर्ष 2022-23 में नयी उत्पाद नीति लागू की गयी थी. नयी उत्पाद नीति के तहत राजस्व का लक्ष्य पूरा नहीं किया जा सका. राज्य में लगभग 448 करोड़ रुपये राजस्व का नुकसान हुआ. झारखंड राज्य विबरेजेज कॉरपोरेशन लिमिटेड द्वारा राजस्व नुकसान को लेकर थोक शराब बेचने वली कंपनी के साथ-साथ खुदरा शराब बेचने वाली एजेंसी पर केस किया गया है.