देवघर जिले के जसीडीह स्टेशन परिसर से एक माह पहले रहस्यमय परिस्थिति में गायब नाबालिग बच्चे का अब तक पता नहीं चल सका है. बच्चे की तलाश में उसके पिता बिहार के नालंदा जिला के इस्लामपुर थाना क्षेत्र के निवासी कन्हैया साह सहित पूरे परिवार के लोग चिंतित हैं. अपने लाडले की याद में मां भी व्याकुल रहती है.
5 मई को पिता ने दिया था आवेदन
इधर, जीआरपी बच्चे की खोज में लगातार हाथ-पैर मार रही है, मगर कोई सुराग नहीं मिल पा रहा है. पिता ने बताया कि पांच मई को जसीडीह जीआरपी को आवेदन देकर उसके नाबालिग चार वर्षीय रौशन कुमार के गायब होने को लेकर अपहरण का मामला दर्ज कराया था.
क्या कहते हैं जसीडीह जीआरपी
जसीडीह जीआरपी इंस्पेक्टर तारिक अनवर ने बताया कि घटना के बाद अबतक बच्चे की खोजबीन के लिए काफी प्रयास किये गये हैं, उन्होंने बताया कि स्टेशन परिसर में लगे सीसीटीवी फुटेज की छानबीन के बाद जसीडीह बाजार के कई दुकानों में लगे सीसीटीवी कैमरे की भी छानबीन कर चुके हैं. किसी दुश्मनी को लेकर इस तरह की घटना को अंजाम देने की आशंका जताते हुए जीआरपी ने पीड़ित के घर बिहार के नालंदा जिला के इस्लामपुर पहुंच कर भी पड़ताल की, मगर ऐसा कोई भी कोई मामला सामने नहीं आया है.
क्या कहते हैं पदाधिकारी
मामले को लेकर डीएसआरपी शाजीद जफर ने बताया कि बच्चे की खोजबीन लगातार की जा रही है, बच्चे के सुराग की खोज के लिए उनके घर तक पुलिस गयी थी, लेकिन सुराग नहीं मिल पाया है, महाराष्ट्र में कुछ बच्चों को आरपीएफ ने रिकवर किया था, वहां भी पता करने पर जानकारी नहीं मिल पायी है. इसके अलावा पड़ताल जारी है.
क्या था मामला
तीन मई की देर रात बिहार के नालंदा जिला के इस्लामपुर थाना क्षेत्र के निवासी कन्हैया साव व मां प्रियंका कुमारी बच्चे के साथ बाबाधाम पूजा अर्चना करने ट्रेन नंबर 13287 साउथ बिहार एक्सप्रेस ट्रेन से जसीडीह स्टेशन पहुंचा था. इसके बाद रात काफी होने के कारण स्टेशन परिसर के टिकट काउंटर के पास पूरा परिवार सो गया था. सुबह उठने पर दोनों ने रोशन को गायब पाया.
जसीडीह जीआरपी के बाहर गुमशुदगी के लगे हैं दर्जनों पोस्टर
जसीडीह स्टेशन के जीआरपी कार्यालय के बाहर दीवार पर दर्जनों लोगों के लापता होने की सूचना को लेकर पोस्टर लगी हुई है. इनमें बच्चों के साथ बुजुर्गों, महिलाएं, पुरुषों व अन्य की गुमशुदगी के पोस्टर हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि जीआरपी कार्यालय के बाहर पोस्टर लगने के बाद जीआरपी इस मामले में किसी तरह की कोई पहल भी करती है या पोस्टर लगा कर भूल जाती है. जानकारी के अनुसार, जीआरपी कार्यालय के बाहर दीवार पर करीब 50 लापता लोगों के पोस्टर लगे हुए हैं, जिसमें कुछ महीनों से तो कुछ सालों से पोस्टर लगा हुआ है.
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