धनबाद पुलिस ने अमन सिंह गैंग के कुख्यात शूटर उत्तर प्रदेश, आजमगढ़ के वैभव यादव उर्फ राहुल सिंह समेत नौ अपराधियों को गिरफ्तार किया है. इनके पास से पुलिस ने दो पिस्टल, दो मैगजीन, 12 जिंदा गोली, नौ मोबाइल व दो मोटरसाइकिल आदि भी बरामद किये हैं. इस संबंध में शनिवार को एसएसपी संजीव कुमार ने अपने कार्यालय में पत्रकारों को बताया : सभी अपराधी अमन सिंह के आदेश पर व्यवसायियों की रेकी कर उनपर फायरिंग कर दहशत फैलाते और रंगदारी की मांग करते थे. इसके अलावा प्रिंस खान से पैसे लेकर भी आपराधिक घटनाओं को अंजाम देते थे.
रंजीत साव हत्याकांड, मनोज यादव हत्याकांड, उपेंद्र सिंह हत्याकांड समेत जिले में प्रमुख आपराधिक घटनाओं में इनकी संलिप्तता थी. धनबाद समेत हजारीबाग, बोकारो व अन्य जगहों से पुलिस ने सभी अपराधियों को गिरफ्तार किया है. मौके पर ग्रामीण एसपी रिष्मा रमेशन, डीएसपी लॉ एंड ऑर्डर अरविंद कुमार बिन्हा, कतरास थाना प्रभारी रणधीर कुमार, केंदुआडीह थाना प्रभारी सुरेंद्र सिंह, साइबर थाना प्रभारी प्रमोद कुमार सिंह, सरायढेला थाना प्रभारी विनय कुमार सिंह, बरोरा थाना प्रभारी नंदू पाल, बरवाअड्डा थाना प्रभारी विक्रम कुमार समेत अन्य थाना प्रभारी मौजूद थे.
धनबाद एसएसपी संजीव कुमार ने शनिवार को प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि सबसे पहले पुलिस उपाधीक्षक अमर कुमार पांडेय के निर्देश के तहत बरवाअड्डा पुलिस ने राजगंज-बरवाअड्डा जीटी रोड के समीप फुफवाडीह स्थित बीएमडब्ल्यू पेट्रोल पंप के पास से चार अपराधियों को गिरफ्तार किया गया. पुलिस को सूचना मिली थी कि पेट्रोल पंप के समीप संदिग्ध स्थिति में तीन पुरुष व एक महिला खड़े हैं. उनके पास बाइक भी है. बरवाअड्डा थाना प्रभारी के नेतृत्व में पुलिस उक्त स्थान पर पहुंची. पुलिस को देखते ही अपराधी भागने का प्रयास करने लगे. पुलिस ने सभी को दौड़ाकर पकड़ा. पूछताछ में अपराधियों ने अपना नाम राहुल सिंह उर्फ वैभव सिंह, आशीष शुक्ला उर्फ सत्यम, दिनेश कुमार गोड़ व शालिनी सिंह उर्फ सानू सिंह बताया. वे जीटी रोड के समीप किराया का मकान ढूंढ़ने के लिए सभी पहुंचे थे. इनकी निशानदेही पर पुलिस ने अन्य अपराधियों को गिरफ्तार किया.
हजारीबाग के कटकमसांडी थाना निवासी आशुतोष आनंद उर्फ बाबू सिंह पहले कुख्यात अमन श्रीवास्तव के लिए काम करता था. बाद में बाबू की अमन श्रीवास्तव से किसी बात को लेकर अदावत हो गयी. इसके बाद बाबू ने उसे सबक सिखाने के लिए हजारीबाग जेल में बंद अमन सिंह से संपर्क साधा और फिर अमन सिंह के लिए काम करने लगा. अमन सिंह के कहने पर बाबू सिंह शूटर व अन्य कार्यों के लिए पैसे उपलब्ध कराता था. यहां तक कि जब अमन सिंह हजारीबाग जेल में बंद था, तब बाबू ही उसे जेल के अंदर हर जरूरत का सामान उपलब्ध कराता था.
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एसएसपी ने बताया कि शालिनी सिंह घाघीडीह जेल में बंद अमन सिंह की सबसे विश्वसनीय और काफी नजदीकी है. अमन सिंह के अपराध की दुनिया से कमाए पैसों को वही ठिकाने लगाती है. गैंग के सदस्य उसे भाभी कहकर बुलाते हैं. रिकवरी एजेंट सुशील सिंह अपराधियों को देता था पनाह एसएसपी ने बताया कि झरिया से गिरफ्तार अमन सिंह रिकवरी एजेंट का काम करता है. अमन सिंह गैंग के लिए वह लोकल नेटवर्क के रूप में काम करता था. घटना को अंजाम देने से पहले शूटरों को अपने घर में ठहराना, शूटरों को टारगेट की पहचान कराना, उनकी रेकी कराना आदि कार्य सुशील सिंह ही करता था.
एसएसपी ने बताया दिसंबर 2022 में दुमका जेल गेट पर फायरिंग की घटना हुई थी. इसे कुख्यात वैभव ने ही अंजाम दिया था. इसके अलावा झरिया में टायर व्यवसायी रंजीत साव, बरवाअड्डा किआ शो रूम पर फायरिंग, व्यवसायी पप्पू मंडल पर फायरिंग, केंदुआडीह के राजेश यादव पर जानलेवा हमला, कतरास में मनोज यादव की हत्या, रिकवरी एजेंट उपेंद्र सिंह की हत्या, कुर्मीडीह में राजकुमार साव की हत्या, क्लिनी लैब में फायरिंग, गुजरात में व्यवसायी नीलेश पटेल की हत्या, बोकारो के चंद्रपुरा निवासी स्क्रैप व्यवसायी सनाउल्लाह के घर फायरिंग सहित कई घटनाओं में वैभव ने अपनी संलिप्तता स्वीकार की है.