लखनऊ. अपना घर खरीदने की इच्छा रखने वालों के लिए अच्छी खबर है. हाउसिंग बोर्ड ने घर खरीदारों को 15 प्रतिशत छूट देने का फैसला किया है.यह रियायत 15 नवंबर तक उपलब्ध रहेगी. हालांकि, यह रियायत उन लोगों के लिए उपलब्ध होगी जो फ्लैट की पूरी कीमत खरीद के 60 दिनों के भीतर चुका देंगे. लखनऊ, कानपुर, गाजियाबाद और मेरठ समेत प्रदेश के कई शहरों में हाउसिंग बोर्ड के करीब 8000 फ्लैट खाली पड़े हैं. ज्यादा कीमत के चलते हाउसिंग बोर्ड अपने फ्लैट नहीं बेच पाया है. लखनऊ में एलडीए के करीब 4000 फ्लैट बिना बिके पड़े हैं. निजी डेवलपर्स के फ्लैटों की तुलना में,एलडीए के फ्लैट महंगे ही नहीं सौंदर्य की कमी है.
हाउसिंग बोर्ड के अतिरिक्त आवास आयुक्त और सचिव नीरज शुक्ला ने बताया कि बोर्ड ने प्रदेश भर में हाउसिंग बोर्ड के बड़ी संख्या में फ्लैट बिना बिके पड़े हैं.अब,बोर्ड ने होमबॉयर्स को 15 प्रतिशत की छूट देने का फैसला किया है. सबसे ज्यादा फ्लैट (4407) गाजियाबाद में खाली पड़े हैं. मेरठ में विभिन्न योजनाओं में 1910 फ्लैट खाली पड़े हैं. कानपुर में 241 और मुरादाबाद में 103 फ्लैट खाली हैं. लखनऊ में हाउसिंग बोर्ड की अवध विहार और वृंदावन योजनाओं में 1742 फ्लैट खाली पड़े हैं. एलडीए 3800 से 5500 रुपये प्रति वर्ग फुट की दर से फ्लैट बेच रहा है, जबकि निजी डेवलपर्स इससे सस्ती दरों पर फ्लैटों की पेशकश कर रहे हैं और वह भी बेहतर स्थिति में हैं.
निजी डेवलपर्स की तुलना में उच्च लागत, सुविधाओं की कमी और अव्यवस्थित कॉमन एरिया के कारण लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) अपने 4000 से अधिक फ्लैटों को बेच नहीं पा रहा है. उसके तमाम प्रयासों के बाद भी विकास प्राधिकरण लोगों को अपनी योजना के प्रति आकर्षित नहीं कर पा रहा है. एलडीए अधिकारियों के मुताबिक, विकास प्राधिकरण के फ्लैट निजी डेवलपर्स की तुलना में करीब 20 फीसदी महंगे हैं.