बिहार के स्वास्थ्य विभाग द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार के लिए सभी विधानसभा सदस्यों और सभी विधान परिषद के सदस्यों से उनके क्षेत्र में स्वास्थ्य उपकेंद्र बनाने की सूची मांगी गयी थी. विभाग की ओर से पिछले आठ माह से इस सूची का इंतजार किया जा रहा है. अभी तक सिर्फ 14 जिलों से विधानसभा और विधान परिषद क्षेत्रों की सूची ही विभाग को प्राप्त हुई है. शेष 24 जिलों से हर विधानसभा और विधान परिषद के सदस्यों से उपकेंद्रों की सूची अभी तक अप्राप्त है. इसके लिए फिर से विभाग की ओर से सभी जिलों को सूची उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है.
स्वास्थ्य विभाग की ओर से जिलाधिकारियों के माध्यम से विधानसभा सदस्यों और विधान परिषद सदस्यों से अपने निर्वाचन क्षेत्र में जर्जर व भवनहीन स्वास्थ्य उपकेंद्रों की सूची मांगी गयी है. राज्य सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2022-23 में ही मॉडल प्राक्कलन के आधार पर हर विधानसभा क्षेत्र में सात-सात और हर विधान परिषद क्षेत्र में पांच-पांच स्वास्थ्य उपकेंद्रों की स्थापना की जानी है. इसे देखते हुए विभाग ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे अपने-अपने जिले में विधानसभा व विधान परिषद सदस्यों द्वारा अनुशंसित सभी क्रियाशील, पर भवन जर्जर और भवनहीन स्वास्थ्य उपकेंद्रों की सूची भूमि उपलब्धता प्रतिवेदन के साथ उपलब्ध करायें.
सरकार के इस निर्णय को देखते हुए मधेपुरा, सहरसा, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, सारण, वैशाली, समस्तीपुर, भागलपुर, बांका, शेखपुरा, नालंदा, कैमूर, औरंगाबाद और मधुबनी जिलों ने अपने जिले के स्वास्थ्य उपकेंद्रों की सूची उपलब्ध करा दी है. इन 14 जिलों में कुल 99 विधानसभा क्षेत्र आते हैं. इसके अलावा राज्य के 24 जिलों में 144 विधानसभा क्षेत्र आते हैं जहां की सूची अभी तक स्वास्थ्य विभाग को प्राप्त नहीं हुई है. जिन जिलों से सूची नहीं मिली है, उनमें अररिया, अरवल, बेगूसराय, भोजपुर, बक्सर, गया, गोपालगंज, जमुई, जहानाबाद, कटिहार, खगड़िया, किशनगंज, लखीसराय, मुंगेर, नवादा, पश्चिम चंपारण, पटना, पूर्वी चंपारण, पूर्णिया, रोहतास, शिवहर, सीतामढ़ी,सीवान और सुपौल जिले शामिल हैं.
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