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World Environment Day 2023: विश्व पर्यावरण दिवस पर जानें कैसे पर्यावरण विज्ञान से बचाएं धरती का भविष्य

World Environment Day 2023: आज यानी 5 जून को दुनिया भर में विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जा रहा है. प्लास्टिक पॉल्यूशन पूरे विश्व के सामने एक बड़ी चुनौती बना हुआ है. आप अगर पर्यावरण संरक्षण में अपना योगदान देना चाहते हैं, तो इसे अपना कार्यक्षेत्र बना सकते हैं...

5 जून :  विश्व पर्यावरण दिवस विशेष
 

जून की 5 तारीख को दुनिया भर में विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जा रहा है. इस बार पर्यावरण दिवस की थीम है-‘बीटिंग प्लास्टिक पॉल्यूशन,’ यानी प्लास्टिक पॉल्यूशन को मात देना. प्लास्टिक पॉल्यूशन पूरे विश्व के सामने एक बड़ी चुनौती बना हुआ है. जलवायु परिवर्तन और प्रदूषण जैसे मुद्दों के कारण पर्यावरण विज्ञान का क्षेत्र पहले से कहीं अधिक तेज गति से बढ़ रहा है. आप अगर पर्यावरण संरक्षण में अपना योगदान देना चाहते हैं, तो इसे अपना कार्यक्षेत्र बना सकते हैं…

पर्यावरण विज्ञान में करियर की विविध श्रेणियां मौजूद हैं. इस करियर में हमारे वायुमंडलीय, स्थलीय और जलीय पर्यावरण पर शोध, निगरानी और नियंत्रण से संबंधित कई कार्य शामिल हैं. आप अगर प्रकृति से प्रेम करते हैं और धरती के पर्यावरण को संरक्षित करने में अपना योगदान देना चाहते हैं, तो यह विषय आपके लिए एक मुकम्मल करियर राह बना सकता है.

क्या है पर्यावरण विज्ञान

पर्यावरण विज्ञान मूल रूप से पारिस्थितिकी, भौतिकी, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान, मृदा विज्ञान, भू-विज्ञान, वायुमंडल विज्ञान एवं भूगोल से मिल कर बना है. लेकिन, पर्यावरण विज्ञान में इन विषयों के अध्ययन के साथ पर्यावरण से संबंधित समस्याओं का समाधान तलाशने का प्रयास भी शामिल है.

कोर्स, जो बनायेंगे राह

एनवायर्नमेंटल साइंस को आमतौर पर एमएससी प्रोग्राम के तौर पर पढ़ाया जाता है. इसलिए साइंस से ग्रेजुएशन के बाद इसे एक विषय के रूप में चुन कर इसमें आगे बढ़ सकते हैं. एनवायर्नमेंटल साइंस में एमएससी कर सकते हैं यहां से-इंडियन एग्रीकल्चर रिसर्च इंस्टीट्यूट, नयी दिल्ली. इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस, बेंगलुरु. वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, देहरादून. बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसायटी, मुंबई. इसके अलावा दिल्ली यूनिवर्सिटी एनवायर्नमेंटल स्टडीज में एमए/एमएससी एवं जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय एनवायर्नमेंटल साइंस में एमएससी, एमफिल एवं पीएचडी करने का मौका देता है. स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर, नयी दिल्ली से एनवायर्नमेंटल प्लानिंग में पीएचडी एवं सेंटर फॉर पॉल्यूशन कंट्रोल एंड बायोवेस्ट एनर्जी, पुडुचेरी यूनिवर्सिटी से एनवायर्नमेंटल इंजीनियरिंग में पीएचडी कर सकते हैं. आइपी यूनिवर्सिटी, दिल्ली में एनवायर्नमेंटल मैनेजमेंट/ बायोडायवर्सिटी एंड कंजर्वेशन/ नेचुरल रिसोर्स मैनेजमेंट में एमएससी कोर्स संचालित करता है.

आगे बढ़ने के मौके हैं यहां

पर्यावरण विज्ञान की पढ़ाई करनेवाले अधिकतर छात्र वैज्ञानिक या शोधकर्ता के तौर पर आगे बढ़ने का विकल्प चुनते हैं. आप अनुसंधान सहायक या असिस्टेंट प्रोफेसर के तौर पर भी करियर शुरू कर सकते हैं. इसके अलावा पर्यावरण जीवविज्ञानी, पर्यावरण सलाहकार, जलविज्ञानी, पर्यावरण पत्रकार आदि के तौर पर भी काम कर सकते हैं. पर्यावरण विज्ञान के क्षेत्र में काम करनेवाले गैरसरकारी संगठनों या अंतरराष्ट्रीय संगठनों, यूनाइटेड नेशंस एनवायर्नमेंट प्रोग्राम (यूएनइपी) एवं इंटर-गवर्नमेंट पैनल ऑन क्लाइमेंट चेंज (आइपीसीसी) के साथ काम कर सकते हैं. पर्यावरण नीति, योजना और प्रबंधन के लिए काम करनेवाले सरकारी विभागों, पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के साथ शहरी विकास मंत्रालय, विश्वविद्यालयों, शोध संस्थानों, जल संसाधन एवं कृषि विभाग, रिफाइनरी कंपनियों, माइंस क्षेत्र में जॉब के मौके उपलब्ध हैं.

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