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अवधेश राय हत्याकांड: मुख्तार अंसारी पर फैसला आज, 32 साल पहले वारदात से दहला था यूपी, केस डायरी भी हुई गायब

माफिया मुख्तार अंसारी के खिलाफ सोमवार को बहुचर्चित अवधेश राय हत्याकांड में फैसला सुनाया जाएगा. इस हाईप्रोफाइल मर्डर केस के फैसले की ओर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं. दो दशक से अधिक पुराने मामले में सुनवाई के दौरान मुख्तार अंसारी की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी होगी.

Varanasi: यूपी में बहुचर्चित अवधेश राय हत्याकांड में सोमवार को अहम दिन है. वाराणसी की एमपी एमएलए कोर्ट इस मामले में अपना फैसला सुनाएगी. इस केस में बाहुबली मुख्तार अंसारी मुख्य आरोपी है. 32 साल बाद आने वाले कोर्ट के इस फैसले पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं. पिछले महीने 22 मई को मुख्तार अंसारी के वकील की ओर से अंतिम बहस पूरी की जा चुकी है.

अवधेश राय हत्याकांड में सोमवार को विशेष न्यायाधीश एमपी एमएलए कोर्ट अवनीश गौतम फैसला सुनाएंगे. मुख्य आरोपी मुख्तार अंसारी की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये पेशी होगी. मुख्तार अंसारी को बीते एक साल में चार मामलों में सजा सुनाई जा चुकी है. लेकिन, इन सभी मामलों में अवधेश राय हत्याकांड का मामला सबसे बड़ा है.

हत्या का मामला होने की वजह से इसमें गंभीर धाराएं लगाई गई हैं. कोर्ट में सुनवाई के दौरान जून 2022 में पता चला कि, इस हत्याकांड की ‘मूल-केस डायरी’ ही गायब है. इसे लेकर मुख्तार अंसारी पर आरोप लगा था. वहीं मामले में 22 मई को मुख्तार अंसारी के वकील ने बहस पूरी की थी, जिसके बाद कोर्ट से फैसला सुनाने के लिए 5 जून की तारीख निर्धारित की गई थी.

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वाराणसी के चेतगंज थाना क्षेत्र के लहुराबीर इलाके में रहने वाले कांग्रेस नेता अवधेश राय तीन अगस्त 1991 को अपने भाई अजय राय के साथ घर के बाहर खड़े थे. इसी दौरान वैन से आए बदमाशों ने उनको निशाना बनाते हुए अचानक फायरिंग शुरू कर दी, जिसमें अवधेश राय की मौत हो गई. इस घटना से पूरा पूर्वांचल दहल उठा था. यूपी की सियासत में हाई प्रोफाइल शख्सियत की हत्या लेकर काफी हलचल देखने को मिली थी.

मामले में अवधेश राय के भाई और वर्तमान में कांग्रेस के प्रांतीय अध्यक्ष अजय राय ने मुख्तार अंसारी को मुख्य आरोपी बनाया. साथ में भीम सिंह, कमलेश सिंह व पूर्व विधायक अब्दुल कलाम और राकेश न्यायिक का भी नाम एफआईआर में शामिल किया गया. इनमें से कमलेश व अब्दुल कलाम की मौत हो चुकी है.

अहम बात है कि इस हाई प्रोफाइल मर्डर केस की सुनवाई पहले वाराणसी की ही एडीजे कोर्ट में चल रही थी. लेकिन, 23 नवंबर 2007 को सुनवाई के दौरान ही अदालत के चंद कदम दूर ही बम ब्लास्ट हो गया. इसे लेकर एक आरोपी राकेश न्यायिक ने सुरक्षा को खतरा बताते हुए हाईकोर्ट की शरण ली. इस वजह से काफी समय तक सुनवाई प्रभावित रही.

बाद में विशेष न्यायाधीश एमपी एमएलए कोर्ट के गठन होने पर प्रयागराज में सुनवाई शुरू हुई. वहीं वाराणसी में एमपी एमएलए की विशेष कोर्ट के गठन होने पर सिर्फ मुख्तार अंसारी के खिलाफ सुनवाई शुरू हुई. जबकि, राकेश न्यायिक की पत्रावली अभी भी वहीं पर लंबित है.

भाई अजय राय ने कही ये बात

कोर्ट के फैसले को लेकर कांग्रेस नेता अजय राय ने कहा कि इस मामले में ऐसा फैसला आना चाहिए, जो मिसाल बने. हमने न्याय की लड़ाई के लिए लंबा संघर्ष किया है. कोर्ट में गवाही देने के साथ साक्ष्य प्रस्तुत किए. केस डायरी तक गायब करवा दी गई. हर स्तर पर हमने लड़ाई लड़ी. अब उम्मीद है कि इस मामले में कोर्ट मुख्तार अंसारी को कड़ी सजा सुनाएगी

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