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ओडिशा ट्रेन हादसा: बिहार से जाकर अपनों को ढूंढ रहे परिजन, शव पहुंचने पर गांव में मच रहा कोहराम

ओडिशा के बालासोर में बीते गुरुवार को हुए ट्रेन हादसे में सैकड़ों लोगों की मौत हो गयी. बिहार के भी कई लोगों की जान गयी है. लगातार मृतकों की संख्या बढ़ती ही जा रही है. वहीं अभी भी कई लोग लापता हैं. जिनकी तलाश में उनके परिजन ओडिशा में दौड़ रहे हैं.

ओडिशा के बालासोर में बीते गुरुवार को कोरोमंडल ट्रेन हादसे में सैकड़ों लोगों की मौत हो गयी. बिहार के भी कई लोगों की मौत इस हादसे में हुई. कई लोग बाल-बाल हादसे में बचे और उनका इलाज कराया गया. वहीं अभी भी ऐसे कई लोग हैं जो उस दौरान घटना की शिकार हुई ट्रेन में सफर कर रहे थे और अभी लापता हैं. परिजनों के अंदर एक उम्मीद जरुर जिंदा है लेकिन उन्हें अब भय सताने लगा है कि कहीं कोई अनहोनी उनके भी साथ नहीं हो गयी हो. उधर जब मृतकों के शव घर पहुंच रहे हैं तो कोहराम मच रहा है.

शवों व जख्मी में अपनों को ढूंढ रहे लोग

ओडिशा ट्रेन हादसे में बाल-बाल बचे अररिया, सीतामढ़ी, दरभंगा व किशनगंज के 40 यात्री रविवार को बस के द्वारा अपने घर पहुंचे. वहीं अभी भी बिहार के कई ऐसे परिवार हैं जिनके घर के लोग यात्रा पर निकले थे और हादसे के बाद से गायब हैं. ऐसे लोगों की खोज के लिए उनके परिवार वाले घटनास्थल पर पहुंच गए हैं और शवों को भी चेक कर रहे हैं. भागलपुर के सन्हौला प्रखंड के महियामा गांव के चार मजदूरों का शव मिला जबकि अगेया के 6 मजदूर अभी भी लापता हैं.

रणवीर का शव पहुंचा तो मचा कोहराम

ओडिसा बालासोर में बीते गुरुवार को कोरोमंडल ट्रेन हादसा के शिकार हुए जमुई के पांडो गांव निवासी मृतक रणवीर कुमार का शव रविवार की सुबह उसके पैतृक आवास पर पहुंचा. शव पहुंचते ही मृतक के परिवार वालों की चीत्कार से पूरे गांव का माहौल गमगीन हो गया. मृतक के शव को देखने को लेकर ग्रामीणों की भीड़ मृतक के घर पर जुट गयी. ग्रामीण पीड़ित परिजनों को ढांढ़स बंधा रहे थे.गौतम और मिथिलेश ने बताया कि किसी तरह वो दोनों तो बच गए पर अपने चचेरे भाई रणवीर को नहीं बचा सके.

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लापता प्रेम का चला पता, सकुशल है प्रेम

बालासोर रेल हादसा के बाद लापता हुए जमुई अंतर्गत चंद्रमंडीह के प्रेम का पता चल गया. वह अपने किसी रिश्तेदार के घर दुमका पहुंच गया था. दुर्घटना के बाद प्रेम के लापता होने की सूचना मिलने के बाद उसके पिता मंजू किसको एवं मामा नुनूलाल मरांडी उसे खोजने बालासोर गये थे, लेकिन वहां उसका कुछ पता नहीं चल पाया था. इस बीच दुमका के एक रिश्तेदार ने फोन कर घर में सूचना दी कि प्रेम सकुशल काठीकुंड पहुंच गया है.

कैलाश का नहीं चला कोई पता, मिले पहचान पत्र और बैग

बालासोर रेल हादसा के बाद से जमुई के चकाई थाना क्षेत्र अंतर्गत पेटार पहाड़ी पंचायत के उरवा गांव निवासी कैलाश का अबतक कोई पता नहीं चल पाया है. घटना के बाद पिता सहित परिवार के अन्य कई सदस्य बालसोर पहुंचकर उसकी खोजबीन में जुटे हैं, लेकिन उसका कोई सुराग अबतक परिजनों को नहीं मिल पाया है. कैलाश दुर्घटनाग्रस्त हुए ट्रेन यशवंतपुर हावड़ा एक्सप्रेस में सवार होकर घर लौट रहा था. वह बेंगलुरु में रहकर मजदूरी करता था. उसकी शादी आगामी 22 जून को थी,अपनी शादी के लिए ही वह बेंगलुरु से घर आ रहा था.

कभी कटक तो कभी भुवनेश्वर जाकर ढूंढ रहे परिजन

कैलाश के पिता ने बताया कि बालासोर के तीन अस्पतालों में जहां घायलों का इलाज हो रहा है वहां उनका पुत्र नहीं है. ऐसे में वहां मौजूद अधिकारी उन्हें कटक व भुवनेश्वर जाने की सलाह दे रहे हैं. कटक व भुवनेश्वर में भी कुछ घायलों का इलाज किया जा रहा है. इधर उसके नहीं मिलने से परिजन काफी परेशान हैं. परिवार के लोगों का रो-रोकर बुरा हाल है.

पूर्णिया में एक ही गांव से 3 युवकों की मौत

ओडिशा के बालासोर में हुए भीषण ट्रेन हादसे में पूर्णिया जिले के तीन युवक की मौत हो गयी है. जबकि एक युवक घायल है. चारों युवक एक साथ काम की तलाश में चेन्नई निकले थे. चारों जिले के एक ही गांव भवानीपुर प्रखंड के लाठी पंचायत के सोनडीहा के रहनेवाले बताये गये.तीनों की मौत की खबर आते ही पूरा गांव चीत्कार में डूब गया. मृतक सूरज, ललित और मिथिलेश के परिजन रो-बिलख रहे हैं. उन्हें संभालते-संभालते पूरा गांव भी रो रहा है. 

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