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झारखंड में MSME नीति तैयार, सरकार देगी 10 करोड़ तक की सब्सिडी, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दी मंजूरी

झारखंड सरकार ने एमएसएमइ नीति के प्रस्ताव में लिखा है कि झारखंड में पूर्व से 2.33 लाख एमएसएमइ कार्यरत हैं. एमएसएमइ सेक्टर में ज्यादा से ज्यादा रोजगार मिलता है और इसको ध्यान में रखते हुए एमएसएमइ के लिए अलग से नीति बनायी गयी है

झारखंड सरकार ने एमएसएमइ (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग) नीति तैयार कर ली है. इसके प्रस्ताव को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मंजूरी दे दी है. अब वित्त व विधि विभाग की मंजूरी के लिए प्रस्ताव भेज दिया गया है. इसके बाद कैबिनेट में भेजा जायेगा. झारखंड सरकार एमएसएमइ के लिए न केवल नीति बनायी है, बल्कि इसके अलग निदेशालय का भी गठन करने जा रही है. निदेशालय के गठन के प्रस्ताव को प्रशासनिक पदवर्ग समिति की मंजूरी के लिए भेजा जायेगा. सरकार एमएसएमइ उद्योगों को 10 करोड़ रुपये तक सब्सिडी देगी. साथ ही एमएसएमइ उद्योगों द्वारा अपने कर्मचारियों के इपीएफ और इएसआइ की राशि जमा करने पर सरकार प्रति कर्मचारी एक हजार प्रति माह की राशि भी देगी.

झारखंड में हैं 2.33 लाख हैं एमएसएमइ :

झारखंड सरकार ने एमएसएमइ नीति के प्रस्ताव में लिखा है कि झारखंड में पूर्व से 2.33 लाख एमएसएमइ कार्यरत हैं. एमएसएमइ सेक्टर में ज्यादा से ज्यादा रोजगार मिलता है और इसको ध्यान में रखते हुए एमएसएमइ के लिए अलग से नीति बनायी गयी है. जिसका नाम एमएसएमइ पॉलिसी 2023 रखा गया है. सरकार ने इसके उद्देश्यों के संबंध में कहा है कि इस नीति का मुख्य उद्देश्य है एमएसएमइ उद्योगों का विकास हो, ताकि रोजगार का दरवाजा खुल सके. नीति में नये एमएसएमइ उद्योगों के विकास के साथ-साथ पुराने उद्योगों के भी जीर्णोद्धार की बात कही गयी है.

एमएसएमइ निदेशालय और डिस्ट्रिक्ट एमएसएमइ सेंटर बनेगा :

प्रस्ताव में लिखा गया है कि एमएसएमइ के लिए अलग से निदेशालय का गठन किया जायेगा और सभी जिलों में डिस्ट्रिक्ट एमएसएमइ (डीएमसी) सेंटर भी खोला जायेगा. एमएसएमइ निदेशालय पहली बार उद्योग लगा रहे उद्यमियों को पूरी सहायता करेगा. निदेशालय डीएमसी को मार्गदर्शन देगा और मॉनिटरिंग भी करेगा. साथ ही राज्य व केंद्र सरकार के एमएसएमइ योजना और कार्यक्रमों को राज्य में लागू करेगा.

राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय व्यापार को बढ़ावा देने का काम करेगा. एमएसएमइ निदेशालय के आवश्यक निगम, बोर्ड या प्राधिकार का गठन करेगा. सब्सिडी व अन्य सहायता प्रदान करेगा. दूसरी ओर डीएमसी उद्यमियों को केंद्र व राज्य की योजनाओं का लाभ लेने में सहायता करेगा. उनके निबंधन से लेकर सिंगल विंडो क्लीयरेंस में सहायता करेगा. उद्यमियों को उद्योग लगाने में आ रही तकनीकी समस्याओं को दूर करेगा. ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में उत्पादन व सेवा इकाइयों के विस्तार में सहयोग करेगा. नियमित रूप से कार्यशाला व प्रशिक्षण का आयोजन करेगा. एमएसएमइ कलस्टर स्थापित करने में सहयोग करेगा.

एमएसएमइ के दायरे में कौन आयेगा

एमएसएमइ के तीन वर्गों में बांटा गया है. एक करोड़ रुपये तक की लागतवाले प्लांट माइक्रो इंटरप्राइज कहलायेंगे. 10 करोड़ तक की लागत वाले प्लांट स्मॉल इंटरप्राइज कहलायेंगे. वहीं 50 करोड़ रुपये की लागत और अधिकतम 250 करोड़ रुपये के टर्नओवर वाले प्लांट मीडियम इंटरप्राइज कहलायेंगे.

10 करोड़ रुपये तक सब्सिडी का प्रावधान

झारखंड एमएसएमइ पॉलिसी 2023 में कंप्रेहेंसिव प्रोजेक्ट इन्वेस्टमेंट सब्सिडी का प्रावधान किया गया है. इसके तहत माइक्रो इंटरप्राइजेज को एक करोड़ रुपये तक, स्मॉल इंटरप्राइजेज को पांच करोड़ रुपये तक व मीडियम इंटरप्राइजेज को 10 करोड़ रुपये तक की सब्सिडी दी जायेगी. एसटी, एससी, महिला व दिव्यांग उद्यमी को पांच प्रतिशत की अतिरिक्त सब्सिडी दी जायेगी. साथ ही स्टांप ड्यूटी व निबंधन में भी शत-प्रतिशत छूट दी जायेगी. क्वालिटी सर्टिफिकेशन में भी सरकार 10 लाख रुपये तक की सहायता देगी. पेटेंट कराने पर भी 10 लाख रुपये का अनुदान दिया जायेगा.

विदेशों में उत्पाद ले जाने पर भी छूट

विदेशों में अपने उत्पादों की बिक्री के लिए किसी प्रदर्शनी में भाग लेने पर सरकार एक प्रदर्शनी के लिए चार लाख रुपये व एयर फेयर में 50 हजार रुपये की सहायता देगी.

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