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बिल्डर-सोसायटी के विवाद में पानी को तरस रहे गगनचुंबी इमारत के 15,000 लोग, सीढ़ियाें से ढो रहे टैंकर का पानी

नोयडा के सेक्टर 137 में पारस टिएरिया अपार्टमेंट में अनियमित जल आपूर्ति के कारण इस 32 टावरों वाली बहुमंजिला इमारत में रहने वाले 15,000 लोग भीषण गर्मी में परेशान हैं.

लखनऊ. जरा सोचिए ! आप पॉश इलाके की गगनचुंबी इमारत में रहते हैं, लेकिन पानी के लिए आपको बाल्टी लेकर सरकारी टैंकर तक नीचे आना पड़ रहा है. पानी से भरा बर्तन ऊपर लाने के लिए आप लिफ्ट का प्रयोग नहीं कर सकते क्योंकि वह खराब है. नोएडा में अनियमित जल आपूर्ति के कारण एक बहुमंजिला इमारत में रहने वाले करीब 15,000 लोग इस भीषण गर्मी में इसी तरह से जी रहे हैं. रोजमर्रा की समस्याओं के कारण लोगों का जीवन बुरी तरह से प्रभावित है. पानी के संकट के अलावा, लिफ्ट, कचरा निपटान और सुरक्षा व्यवस्था सब बेपटरी है. इन हालात का कारण अपार्टमेंट की ओनरशिप एसोसिएशन (AOA) और बिल्डर के बीच छिड़े विवाद को बताया जा रहा है.

1 जून से पानी की समस्या 

नोयडा के सेक्टर 137 में पारस टिएरिया अपार्टमेंट के 15,00 से अधिक निवासी पिछले पांच दिनों से अनियमित पानी की आपूर्ति के कारण पीड़ित हैं. सोसाइटी निवासी नितिन गुप्ता ने एक अंग्रेजी अखबार को अपनी पीड़ा बताते हुए कहा कि 1 जून से, कुछ टावरों को पानी की आपूर्ति हो रही है, अन्य को नहीं. कुछ फ्लैट के किचन में पानी सप्लाई हो रही है, लेकिन बाथरूम में पानी नहीं आ रहा है. हम पिछले पांच दिनों से इस तरह की समस्या का सामना कर रहे हैं.एओए के सदस्यों ने हमें आश्वासन दिया है कि समस्याओं को ठीक किया जा रहा है, लेकिन नोएडा प्राधिकरण द्वारा आपूर्ति कम की जा रही है.

लिफ्ट,कचरा निपटान व्यवस्था बदहाल

यहां के निवासियों ने कहा कि पानी के संकट के अलावा, लिफ्ट,कचरा निपटान और सुरक्षा व्यवस्था सहित रखरखाव के हस्तांतरण के बाद से समाज के अन्य संचालन भी प्रभावित होते हैं. श्रेया कश्यप का कहना था कि कई टावरों में लिफ्ट ठीक से काम नहीं कर रही है. कचरा निपटान प्रणाली प्रभावित है. सोसायटी के सुरक्षा कर्मचारियों को भी कम कर दिया गया है. सोसायटी में कुल 32 टावरों में कुल 3,954 फ्लैट हैं, जिनमें करीब 15,000 लोग रहते हैं.

सोसायटी ने बदली एजेंसी तो बिल्डर ने नहीं दिया प्रशिक्षण

एओए के अध्यक्ष कर्नल रमेश कुमार गौतम (सेवानिवृत्त) ने आरोप लगाया कि सोसाइटी के डेवलपर पारस बिल्डटेक ने हैंडओवर के बाद कर्मचारियों को प्रशिक्षण देने से इनकार कर दिया है. वह कहते हैं कि बिल्डर ने एओए को सोसायटी हैंडओवर दे दिया लेकिन पुराने कर्मचारियों द्वारा नए कर्मचारियों के प्रशिक्षण की अनुमति नहीं दी, जिससे सोसायटी के कार्य में समस्याएं पैदा हुईं. कर्नल रमेश कुमार गौतम बताते हैं कि इसके अलावा, बिल्डर ने कई उपकरणों को क्षतिग्रस्त कर दिया है, जिससे पानी की आपूर्ति बाधित हो गई है. हम अब इन सभी मुद्दों को ठीक कर रहे हैं और जल्द ही पानी की आपूर्ति बहाल कर दी जाएगी. नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों ने भी बिल्डर को मुद्दों को हल करने में मदद करने का निर्देश दिया है.

सोसायटी पर सुझावों को अस्वीकार करने का आरोप

दूसरी ओर, पारस बिल्डटेक के एक प्रवक्ता ने कहा कि पारस टिएरा में पहले सुविधाओं की देखभाल के लिए जिम्मेदार तकनीकी एजेंसी थी. एओए ने उनके सुझावों को अस्वीकार कर दिया और उस एजेंसी को बदल दिया गया था. नतीजतन, पिछली एजेंसी के कर्मचारी जो तकनीकी रूप से कुशल थे, उन्हें एओए टीम द्वारा नियुक्त नई एजेंसी को सामान्य क्षेत्रों और दिन-प्रतिदिन के संचालन के रखरखाव की जिम्मेदारी सौंपनी पड़ी. रखरखाव सेवाओं की गुणवत्ता में गिरावट वर्तमान आरडब्ल्यूए द्वारा नियुक्त नई एजेंसी की तकनीकी विशेषज्ञता की कमी के कारण है.

नोएडा प्राधिकरण ने दिया 15 दिन का समय

इस पूरे मामले में नोएडा प्राधिकरण के उप महाप्रबंधक आरपी सिंह ने कहा कि मामला सोसायटी – बिल्डर विवाद का है. हमने निवासियों को संकट में मदद करने के लिए तीन पानी के टैंकर प्रदान किए हैं. नोएडा अथॉरिटी के अधिकारी रविवार को मौके पर गए और एओए और बिल्डर के बीच मध्यस्थता कराने की कोशिश की. हमने बिल्डर को अगले 10 से 15 दिनों के भीतर इस मुद्दे को हल करने का निर्देश दिया है.

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