पटना के इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (IGIMS) में नौकरी के नाम पर फर्जीवाड़ा सामने आया है. इस बड़े नेटवर्क का संचालन खुद संस्थान में आउटसोर्सिंग के तहत काम कर रहे सूर्यदीप कुमार नाम के एक ट्रॉली मैन कर रहा था. नर्स व अटेंडेंट के पद पर नौकरी दिलाने के लिए युवक 50 हजार रुपये मांग रहा था. नौकरी के लिए इच्छुक कुछ अभ्यर्थियों ने संस्थान के उपनिदेशक सह मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ मनीष मंडल को शिकायत की, जिसके बाद मामले की जांच करायी गयी, तो ट्रॉली मैन का मामला सामने आया. आरोप सही साबित होने के बाद सूर्यदीप के खिलाफ शास्त्रीनगर थाने में एफआइआर दर्ज करायी गयी है. इसके बाद पुलिस आरोपित को गिरफ्तार कर पूछताछ कर रही है.
इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में नौकरी के लिए आउटसोर्सिंग की व्यवस्था है. चयन के लिए एक कमेटी है, जो कैंडिडेट्स का चयन करने के बाद संबंधित अभिलेख आउटसोर्सिंग कंपनी को दे देती है. वहीं संस्थान के उपनिदेशक डॉ मनीष मंडल ने कहा कि सूर्यदीप संस्थान के पल्मो डिपार्टमेंट में बतौर ट्रॉली मैन के पद पर कार्य कर रहा था. आउटसोर्सिंग के तहत उसने कुछ अभ्यर्थियों को नौकरी लगाने के नाम पर रुपये की डिमांड की.
शिकायत मिलने के बाद अभ्यर्थी की मदद से उसे सीसीटीवी कैमरे के एरिया में रुपये देने के लिए बुलाया गया. इसके बाद उसे रंगेहाथ पकड़ लिया गया. खास बात तो यह है कि इस पूरे मामले में तीन और नर्सों का नाम सामने आ रहा है. इसमें एक इएनटी व दो पल्मो डिपार्टमेंट में करने करने वाली महिला व पुरुष नर्स शामिल हैं. उनके खिलाफ भी जल्द कार्रवाई की जायेगी.
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आइजीआइएमएस में नौकरी के नाम पर रिश्वत लेने के मामले में पिछले साल भी गिरफ्तारी हो चुकी है. उस समय डॉ मनीष मंडल के नाम पर नौकरी लगाने का फर्जीवाड़ा सामने आया था. इसमें दो जालसाजों को पकड़ा गया था. एक का नाम मोहम्मद हुसैन है, जो बरीया शेख, पिपराही शिवहर का रहने वाला था. जबकि दूसरा मोहम्मद मुस्तफा कोईलवर, भोजपुर का रहने वाला था. दोनों जालसाजों को मोटरसाइकिल नंबर BRO1FM0736 के साथ मौके से पकड़ा गया था.