ओडिशा के बालासोर जिले में भीषण हादसे का शिकार होने के पांच दिन बाद शालीमार-चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस की अप ट्रेन बुधवार को अपने तय समय से पांच मिनट की देरी से दोपहर तीन बजकर 25 मिनट पर शालीमार स्टेशन से रवाना हुई. जब बालासोर स्टेशन से गुजरी तो वहां मौजूद सभी लोग ट्रेन को देखते रहे.
कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन में सफर करने के लिए लोगों में लगी होड़
शालीमार स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर दो पर ट्रेन के पहुंचते ही लोगों में उसके द्वितीय श्रेणी के दो डिब्बों में चढ़ने की होड़ लग गई और जल्दी ही दोनों डिब्बे खचाखच भर गए.
हादसे में लापता बेटे की तलाश में निकले पिता ने की कोरोमंडल की सवारी
ट्रेन में कई लोग थे. उनमें से एक रंजीत मंडल दो जून को हुए हादसे के बाद से लापता अपने बेटे की तलाश में इससे भुवनेश्वर जा रहे हैं. संदेशखली के रहने वाले मंडल ने बताया कि उनका 18 साल का बेटा दीपांकर चेन्नई में काम की तलाश के लिए अपने दोस्तों के साथ दुर्घटनाग्रस्त हुई ट्रेन में सवार हुआ था. उन्होंने कहा, दुर्घटना के बाद से ही उसका फोन बज तो रहा है, लेकिन कोई उठा नहीं रहा है. मैंने दुर्घटना से कुछ ही मिनट पहले उससे बात की थी. उसका अभी तक पता नहीं लगा है और मैं फिर से उसे खोजने जा रहा हूं.
#WATCH | Coromandel Express, one of the trains involved in a triple collision in Odisha's Balasore, reaches Balasore railway station pic.twitter.com/uLi2Lkw4FH
— ANI (@ANI) June 7, 2023
डर के साये में यात्रियों ने की कोरोमंडल एक्सप्रेस में सफर
कोरोमंडल एक्सप्रेस में सवार स्वाति चमोली का कहना है, मैं काम से चेन्नई जा रही हूं. आशा करती हूं कि यात्रा सुरक्षित रहेगी. वहीं, परोमिता ने कहा, आशा करती हूं कि कुछ गलत नहीं होगा. मुझे डर लग रहा है, आशा करती हूं यात्रा सुरक्षित रहेगी. सुन्दरबन डेल्टा में गंगासागर के रहने वाले राजूपाल ने कहा, बंगाल में इंतजार करने का कोई मतलब नहीं है. मुझे जाना है. दुर्घटना के बाद से मैं भी डरा हुआ हूं, लेकिन मैं 12 साल से इस ट्रेन से यात्रा कर रहा हूं. यह भी उन जैसी ही एक यात्रा होगी.