बिहार में शराबबंदी को पूरी तरह से लागू करने के लिए सरकार रोजाना नये तरीके इजाद कर रही है. कभी हेलीकॉप्टर, तो कभी ड्रोन की मदद से शराब के धंधे पर रोक लगाने की कोशिश की जाती है. दियारा क्षेत्रोें में देशी शराब बनाने वालों पर नजर रखने के लिए ड्रोन की सेवा ली जा रही है.मद्यनिषेध विभाग के निर्देश में 12 कंपनियों के 49 ड्रोन गंगा किनारे के कई जिलों में हॉवरिंग कर रहे हैं.
विभाग ड्रोन के ऑपरेशन पर करीब एक करोड़ रुपये हर माह खर्च कर रहा है. ड्रोन से मिली सूचना के आधार पर सघन छापेमारी अभियान चलाया जा रहा है. ड्रोन की सूचना पर पूरे राज्य में कुल 45756 छापेमारी की गयी है, जिनमें अभी तक 1872 अभियोग दर्ज किये गये हैं. विभाग के सचिव विनोद सिंह गुंजियाल ने बताया कि ड्रोन से मिली सूचना के आधार पर की जा रही छापेमारी की सफलता दर काफी अच्छी है.
मद्यनिषेध विभाग के अधीन शराब कारोबारियों पर नकेल कसने के ऑपरेशन में एक ड्रोन गायब हो गया है. यह ड्रोन छपरा के लिए निकला था, लेकिन छपरा नहीं जाकर अचानक से गायब हो गया. ड्रोन के गायब होने के बाद विभाग में खलबली मच गयी. विभाग ने उसकी बरामदगी के लिए एड़ी-चोटी एक कर दी है. इस ड्रोन की सूचना देने वाले को पुरस्कार देने का भी ऐलान किया गया है.
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सारण के डीएम और एसपी के संपर्क में विभाग की टीम लगी हुई है, लेकिन अभी तक इसका कोई सुराग नहीं हाथ लग सका है. यह ड्रोन एक बार में 100 किलोमीटर तक उड़ान भरने में सक्षम था. इसमें हाइ क्वालिटी का कैमरा लगा हुआ है. यह ड्रोन बिल्कुल अत्याधुनिक उपकरणों से लैस है. इस ड्रोन का रिसीवर और कंट्रोलर विभाग के पास है.