Jharkhand News: मणिपुर की स्थिति पर झारखंड मुक्ति मोर्चा के वरिष्ठ नेता सुप्रियो भट्टाचार्य ने चिंता जतायी. उन्होंने मणिपुर के मुख्यमंत्री को हटा कर तत्काल राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग केंद्र सरकार से की. मणिपुर में एंबुलेंस में तीन लोगों को जिंदा जलाये जाने की घटना की निंदा करते पार्टी कार्यालय में पत्रकारों से बात करते हुए उक्त बातें कही.
मणिपुर की घटना हृदय विदारक
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि मणिपुर की यह घटना हृदय विदारक है. यह घटना तब घटी जब देश के गृहमंत्री 29 जून को मणिपुर गये और 31 जून को लौटे. लौट कर गृहमंत्री ने कहा कि मणिपुर में शांति है. अब कोई हिंसा नहीं है. उनके लौटने के एक सप्ताह में 85 कुकी गांव फूंक दिये गये. मणिपुर में ट्राइबल कुकी जनजाति के खिलाफ हिंसा हो रही है. उनकी हत्याएं की जा रही हैं. घर जलाये जा रहे हैं क्योंकि वह वहां के आदिवासी हैं. कहा कि सब जानते हैं कि मणिपुर भारत के संविधान के छठी अनुसूची में आच्छादित प्रदेश है. उसको संसदीय कवच प्राप्त है. इसके बावजूद भाजपा सरकार ने राज्य को आग के हवाले कर दिया. यह साफ दर्शाता है कि भले ही आप आदिवासी राष्ट्रपति बना लें, लेकिन देश से आदिवासियों के पहचान को मिटाने के लिए भाजपा कृत संकल्पित है.
आदिवासी-मूलवासी को ध्यान में रखकर केंद्र को बनानी चाहिए नीति
उन्होंने कहा कि बीजेपी शासन व्यवस्था और अनुशासन की बात करती है. उसके राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति क्या है, यह किसी से छिपी नहीं है. भाजपा का जहां-जहां शासन है वहां-वहां हत्या एक संरक्षित काम के तौर पर उभर कर सामने आ रहा है. यूपी में एक अभियुक्त को कोर्ट में ही गोली मार दी जाती है. इसके कुछ दिन पहले एक अपराधी को पुलिस की कस्टडी में गोली मार दी गयी. गृह मंत्रालय के संरक्षण में ऐसी घटनाएं हो रही है. उन्होंने कहा कि भारत सरकार को राष्ट्रीय स्तर पर आदिवासी, दलित, मूलवासी, अल्पसंख्यक को रखकर केंद्र में नीतियां बनानी पड़ेगी.
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बांग्लादेशी घुसपैठ प्रोपगेंडा की जांच हो रही
बांग्लादेशी घुसपैठ को लेकर राज्य के सभी डीसी की ओर से पत्र जारी कर जांच के मामले में सुप्रियो ने कहा कि विधानसभा में लगातार यह मामला प्रोपगेंडा के तहत उठाया जा रहा था. इस प्रोपगेंडा की जांच के लिए ही बांग्लादेशी घुसपैठ मामले को लेकर आदेश दिये गये हैं. जांच में दूध का दूध और पानी का पानी हो जायेगा.