पटना का पारा 44 डिग्री हो चुका है. तेज धूप और गर्म हवा से सिर्फ इंसान ही नहीं जानवरों का भी बुरा हाल है. ऐसे गर्मी से संजय गांधी जैविक उद्यान (पटना जू) में जानवरों को गर्मी और हीट स्ट्रोक से बचाने के लिए हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं. बढ़ते तापमान से बचने के लिए बाघ, गैंडा पानी का सहारा ले रहे हैं. सांप के लिए एसी लगाये गये हैं. हाथी पाइप से पानी खुद पर डाल रहा है. इमू वाटर स्प्रिंकलर की मदद से गर्मी से बचाव कर रहे हैं. वहीं चिंपाजी के लिए बड़े फैन चलाये जा रहे हैं. पक्षियों के बाड़े में एग्रोनेट से तीन चौथाई हिस्से को ढका गया है और एक चौथाई हिस्सा खुला रखा गया है.
सभी जानवरों के पिंजरे में वाटर होल बनाये गये हैं, जिससे जानवरों को पानी की समस्या न हो. हिरण के बाड़े में फूस में पानी का छिड़काव किया जा रहा है. सुबह से लेकर शाम तक पिंजरों को पानी से लगातार गीला किया जा रहा है, जिससे जानवरों को गर्मी का एहसास कम हो. लगातार वहां के विशेषज्ञों और चिकित्सकों की ओर से जानवरों की सीसीटीवी से मॉनीटरिंग के साथ उनका चेकअप भी किया जा रहा है. जानवरों की नर्सरी में भी एग्रोनेट लगाये गये हैं, इससे जानवरों को गर्मी से बचाने में मदद मिलती है.
गर्मी में मांसाहारी जानवरों को सर्दी की तुलना में कम मात्रा में 2 से 3 किलो तक कम मांस खाने में दिया जा रहा है. गर्मियों में पाचन तंत्र कमजोर हो जाता है, इसलिए उन्हें पचाने के लिए उचित भोजन दिया जाता है. जू में मौजूूद सभी जानवरों में बढ़ती गर्मी की वजह से कमजोरी न हो इसके लिए उन्हें मल्टीविटामिन दी जा रही है. वहीं डिहाइड्रेशन से बचाने के लिए उनके पीने के पानी में 50-100 ग्राम ग्लूकोज और मिनरल्स डाल कर दिया जा रहा है.
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भालू को रोजाना तरबूज, हरी सब्जियां और शहद दिया जा रहा है. हाथी को प्रचुर मात्रा में केला का थम दिया जा रहा है. केला का थम ठंडा होता है यही वजह है हाथियों को इसे खाने से काफी राहत मिलती है. थम के साथ घास दी जा रही है. चिम्पांजी को दही-चावल, फल, डाभ और अनार का रस दिया जा रहा है. नाइट हाउस में जानवरों के लिए बड़े-बड़े पंखे और कूलर लगाये गये हैं. पक्षियों के पिंजरे में पानी का छिड़काव किया जा रहा है, साथ ही डॉक्टर्स के परामर्श के अनुसार होमियोपैथी की दवाइयां भी दी जा रही हैं.