बेंगलुरु : कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार बनते ही भाजपा शासनकाल में लागू किए गए नियमों और स्कूली पाठ्यक्रमों में बदलाव शुरू हो गया है. खबर है कि कर्नाटक की सिद्धरमैया सरकार भाजपा शासनकाल के दौरान स्कूलों के पाठ्यक्रम में शामिल किए गए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के संस्थापक केशव बलिराम हेडगेवार के अध्याय को हटाने की तैयारी में जुट गई है.
स्कूली पाठ्यक्रम में संशोधन के बहाने कर्नाटक के शिक्षा मंत्री मधु बंगारप्पा ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि उसने कभी भी बच्चों की मानसिकता को समझने का प्रयास ही नहीं किया, क्योंकि उनके दिमाग में गंदगी भरी पड़ी है. उन्होंने भाजपा पर यह आरोप लगाया कि उनके दिमाग में जो गंदगी बैठ चुकी है, उसी को बच्चों के मानस पटल में बिठाने के लिए उन्होंने पूरी शिक्षा प्रणाली को ही बदलने का प्रयास किया. हमारी सरकार उनकी इस सोच के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि हम ऐसा कुछ भी नहीं करने जा रहे हैं, जो बच्चों के हित में न हो.
#WATCH | Madhu Bangarappa, Minister of Primary and Secondary Education, Karnataka speaks on State Govt's proposal to revise school textbooks this year; says, "It is their(BJP) version because they have never understood children's mentality and what they are supposed to give to… pic.twitter.com/nFJheJctcB
— ANI (@ANI) June 9, 2023
बता दें कि इसी साल संपन्न हुए विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणापत्र में भाजपा शासनकाल के दौरान स्कूल की पाठ्यपुस्तकों में किए गए बदलावों को यथावत करने का ऐलान किया था. इसके साथ ही, उसने यह भी कहा था कि यदि कर्नाटक में उसकी सरकार बनेगी, तो वह केंद्र की मोदी सरकार की ओर से बनाई गई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) को लागू नहीं करेगी.
कर्नाटक के प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा निदेशालय के अनुसार, राज्य के स्कूली शिक्षा के पाठ्यक्रम में इस प्रकार से संशोधन किया जाएगा, जिससे सरकार के ऊपर आर्थिक बोझ कम पड़ेगा. कर्नाटक के शिक्षा मंत्री मधु बंगारप्पा की मानें, तो पेशेवर शिक्षाविदों और मनोवैज्ञानिक शिक्षा पद्धति के विशेषज्ञों द्वारा कर्नाटक के स्कूली पाठ्यक्रमों में बदलाव किया जाएगा, जो बाल स्वभाव से भली-भांति परिचित हैं. वे पाठ्यक्रम को बोझिल बनाने के बजाए सुगम और सरल बोधात्मक बनाने के प्रयास में जुटे हैं.
इसके साथ ही, शिक्षा मंत्री ने भाजपा के कार्यकाल में किए गए कार्याें पर निशाना साधते हुए कहा कि चुनाव हारने के बाद पाठ्यक्रमों में बदलाव को लेकर भाजपा क्या कहती है, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता. सबसे बड़ा सवाल यह पैदा होता है कि पिछले चार सालों के दौरान उन्होंने क्या किया. हालांकि, शिक्षा मंत्री मधु बंगारप्पा ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि पाठ्यक्रम के बदलाव में सरकार की कहीं कोई दखल नहीं है, बल्कि यह बदलाव विशेषज्ञों के सुझाव और सलाह पर किया जा रहा है.