25.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

रांची : ईडी के सवालों का जवाब नहीं दे पा रहे अमित अग्रवाल और दिलीप घोष, जानें विस्तार से

ईडी की पूछताछ के दौरान जगत बंधु टी स्टेट के खाते में जमा नकद राशि के स्रोत की सही जानकारी नहीं दे सके अमित अग्रवाल और दिलीप घोष. दिलीप घोष ने जगत बंधु को अपनी कंपनी बतायी थी. अमित ने भी इस कंपनी से संबंध होने की बात से इनकार किया था.

रांची. ईडी की पूछताछ के दौरान जगत बंधु टी स्टेट के खाते में जमा नकद राशि के स्रोत की सही जानकारी नहीं दे सके अमित अग्रवाल और दिलीप घोष. दिलीप घोष ने जगत बंधु को अपनी कंपनी बतायी थी. अमित ने भी इस कंपनी से संबंध होने की बात से इनकार किया था. हालांकि नकद रुपये जमा होने के बारे में पूछे जाने पर सही जवाब नहीं दे पाये. दोनों अभियुक्त की रिमांड की अवधि सोमवार को समाप्त होगी. उन्हें सोमवार को ही कोर्ट में पेश किया जायेगा.

असम में है जगत बंधु टी स्टेट

जगत बंधु टी स्टेट असम में है. ऐसे में इस कंपनी को व्यापार के दौरान मिली नकद राशि को कोलकाता कौन लेकर आया. नेट बैंकिंग के इस दौर में असम में भी जगत बंधु के खाते में नकद राशि को जमा किया जा सकता था. फिर इसे कोलकाता लाने की क्या जरूरत थी. नकद राशि को असम से कोलकाता लाकर बैंक में जमा करने से जुड़े इस तरह के कई सवालों का जवाब दिलीप घोष नहीं दे पाया.

सवालों पर साध ली चुप्पी

कुछ सवालों पर उसने चुप्पी साध ली. इसी तरह अमित अग्रवाल भी यह नहीं बता सके कि जगत बंधु टी स्टेट का पैसा उनकी कंपनी के कर्मचारियों ने बैंक में कैसे जमा किया. दस्तावेज में विकास का नाम कहीं विकास जैन और कहीं विकास जाना लिखा हुआ है. ऐसा किन परिस्थितियों में किया गया. अमित अग्रवाल ने पहले तो विकास को जगत बंधु का कर्मचारी बताने की कोशिश की. हालांकि राजीव कैश कांड में उनके द्वारा दिये गये लिखित बयान का हवाला देने पर वह चुप हो गया.

अमित अग्रवाल ने लिखित तौर पर स्वीकार किया था

राजीव कैश कांड में अमित अग्रवाल ने लिखित तौर पर यह स्वीकार किया था कि विकास उनकी कंपनी का कर्मचारी है. उन्होंने विकास को ही बैंक से 50 लाख रुपये निकाल कर लाने के लिए भेजा था. रुपया भी वही निकाल कर लाया था. अमित अग्रवाल इस बात का भी सही जवाब नहीं दे सके कि अगर जगत बंधु टी स्टेट से उनका कोई संबंध नहीं है, तो जगत बंधु और जिन कंपनियों के निदेशक वह खुद हैं उन कंपनियों के ईमेल आईडी एक ही क्यों हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें