20.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

गोरखपुर: जूनियर के भरोसे चल रहा एम्स की ओपीडी, सीनियर डॉक्टर्स के गर्मी की छुट्टी पर जाने से रोगी बेहाल

गोरखपुर के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के वरिष्ठ डाक्टर छुट्टी पर हैं. ऐसे में ओपीडी जूनियर डाक्टर के ही भरोसे चल रहा है. जूनियर डाक्टर परीक्षण कर रोगियों को सिर्फ परामर्श दे रहे हैं. वहीं मेडिसिन पल्मोनरी मेडिसिन सर्जरी चर्म रोग में ज्यादा दिक्कत आ रही है.

Gorakhpur : अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान गोरखपुर के वरिष्ठ डॉक्टरों के ग्रीष्म अवकाश पर जाने से ओपीडी में आने वाले रोगियों को परेशानी झेलनी पड़ रही है. एम्स में आए रोगियों को जूनियर डॉक्टर परामर्श दे रहे हैं. गोरखपुर एम्स में पूर्वांचल, बिहार और नेपाल के कई जिलों से रोगी अपना इलाज कराने आते हैं. जिनको इस समय जूनियर डॉक्टरों द्वारा परामर्श दिया जा रहा है. रोगी गोरखपुर एम्स में अच्छे इलाज की आस में अपना किराया भाड़ा खर्च करके यहां पहुंचते हैं.

फुल दिखती है ओपीडी

एम्स में आने वाले रोगियों व उनके स्वजनों का कहना है कि ग्रीष्मावकाश पर जाने वाली डॉक्टरों का नाम एम्स प्रशासन को सार्वजनिक करना चाहिए. इससे एम्स में इलाज कराने आने वाले रोगियों और उनके तीमारदारों को भटकना नहीं पड़ता. उनका कहना है जब हम लोग ओपीडी में मरीज को दिखाने के लिए पंजीकरण के लिए पहुंचते हैं तो वहां बताया जाता है कि जिन डॉक्टर को उन्हें दिखाना है उनकी ओपीडी फूल हो चुकी है. यह जानकारी रजिस्ट्रेशन काउंटर पर नहीं बताया जाता है कि डॉक्टर अवकाश पर गए हुए हैं. उनका कहना है कि दूसरे डॉक्टर की ओपीडी में जाने पर दवा बदल दी जाती है इससे उन्हें परेशानी होती है.

45 डाक्टर हैं अवकाश पर

आपको बता दें कि एम्स में 15 मई से 15 जुलाई तक ग्रीष्मावकाश होता है. जिसमें अलग-अलग शिफ्ट में डॉक्टर एक–एक महीने के लिए अवकाश पर जाते हैं. गोरखपुर एम्स में 183 स्वीकृत पद पर सिर्फ 86 डॉक्टरों की तैनाती हुई है. इसमें भी 45 डॉक्टर ग्रीष्म अवकाश पर जा चुके हैं. जो बचे हैं उनमें से ज्यादातर का काम एमबीबीएस के छात्रों को पढ़ाना है. इस कारण से ओपीडी में वह लोग नहीं बैठते हैं. ओपीडी का आलम यह है कि एक भी वरिष्ठ डॉक्टर मौजूद नहीं रहते हैं. सिर्फ जूनियर डॉक्टर के हवाले ओपीडी चल रहा है.

एम्स के मीडिया प्रभारी पंकज श्रीवास्तव ने बताया कि डॉक्टरों को ग्रीष्मावकाश मिलता है. 45 डॉक्टर अवकाश पर है. 15 जून को वो डॉक्टर वापस आएंगे तो जो बचे हुए हैं वो डॉक्टर जाएंगे. डॉक्टरों की कमी की समस्या हो रही है. बचे पदों पर भर्ती हो जाएगी तो यह समस्या दूर हो जाएगी. गोरखपुर एम्स में इस समय मेडिसिन, पलमोनरी मेडिसिन, सर्जरी, हड्डी, नेत्र नाक कान व गला चर्म रोग होम्योपैथिक आदि की ओपीडी में ज्यादा दिक्कत है.

रिपोर्ट– कुमार प्रदीप,गोरखपुर

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें