Kanwar Yatra 2023: कांवड़ यात्रा मानसून के श्रावण माह मे किए जाने वाला अनुष्ठान है. कंवर (कांवड़), एक खोखले बांस को कहते हैं इस अनुष्ठान के अंतर्गत, भगवान शिव के भक्तों को कंवरिया या कांवांरथी के रूप में जाना जाता है. जैसा की आप जानते हैं की सावन के पावन महीने में शिव भक्त पवित्र नदी गंगा जी से जल लेकर जल को कावंड में भरकर भगवान शिव पर जल चढ़ाने हेतु पवित्र शिव धाम जाते हैं. आइए जानते हैं इस साल कांवड़ यात्रा कब से शुरू होने जा रहा है. साथ ही इसके इतिहास, नियम और महत्व को भी जानेंगे.
कांवड़ यात्रा हर साल पूर्णिमा पंचांग पर आधारित सावन माह के कृष्ण पक्ष के प्रथम दिन यानी प्रतिपदा से ही प्रारंभ हो जाती है. इस साल यह 04 जुलाई 2023 दिन मंगलवार से शुरू होने जा रहा है. वहीं, इसका समापन 16 जुलाई 2023 दिन रविवार को होगा.
आपको बता दें की कावड़ यात्रा के बारे में बहुत सी मान्यताएं प्रचलित हैं. जिनमें से एक पौराणिक मान्यता यह प्रचलित है की सबसे पहले भगवान शिव के परम भक्त परशुराम ने सावन (Sawan) महीने में कांवड़ यात्रा (Kanwar Yatra) की शुरुआत की थी. जिसके बाद से ही विभिन्न संत और ऋषियों के द्वारा कांवड़ यात्राएं की जाती रहीं. इसके अलावा एक पौराणिक मान्यता यह है की कांवड़ यात्रा की शुरुआत त्रेतायुग में श्रवण कुमार ने की थी. पुरातन कथा के अनुसार श्रवण कुमार ने अपने नेत्रहीन माता-पिता को तीर्थ दर्शन के लिए माता-पिता को कांवड़ में बिठाकर पूरी यात्रा पैदल की थी.
बस तभी से कांवड़ यात्रा की प्रथा शुरू हुई. इस कथा का उल्लेख वाल्मीकि रामायण में मिलता है. वहीँ एक मान्यता यह भी है की द्वापर युग में जब पांडव अज्ञात वास पर थे तब पांडवों ने हरिद्वार आकर भगवान शिव की तपस्या की और शिव पर जलाभिषेक किया था. आपको यह भी बता दें की कांवड़ यात्रा में ऐसा भी माना जाता है की शिवभक्त पूरी यात्रा के दौरान कांवड़ को जमीन पर नहीं रखते. यदि किसी भी कांवड़िये ने कांवड़ को जमीन पे रखा तो वह यात्रा सफल नहीं मानी जाती.
इस साल सावन का महीना पूरे 59 दिनों का होगा और भक्त पूरे 8 सावन सोमवार का उपवास रखेंगे. ज्योतिष के अनुसार हिंदू पंचांग में पूरे 19 साल बाद ऐसा योग बना है, जिसमें दो महीने सावन होंगे. इस साल 2023 में सावन महीने की शुरुआत 04 जुलाई से हो रही है, जिसकी समाप्ति 31 अगस्त को होगी. यानी इस साल सावन 30 नहीं बल्कि 59 दिनों का होगा और भक्त 8 सावन सोमवार का व्रत रखेंगे.