बॉलीवुड अभिनेता अरशद वारसी ने ब्लॉकबस्टर फिल्म मुन्ना भाई एमबीबीएस में काम करने के दिनों को याद किया. उन्होंने कहा, उन्हें उस समय यकीन था कि यह उनके करियर की आखिरी फिल्म होगी. अरशद ने फिल्म में मुन्ना भाई के गुर्गे सर्किट की भूमिका निभाई थी, जो दर्शकों को काफी ज्यादा पसंद भी आई थी.
अरशद ने कहा कि मुन्ना भाई साइन करने से पहले, उन्हें यकीन था कि यह उनके करियर के लिए मौत की घंटी होगी. अपने रोल को ‘खराब’ बताते हुए उन्होंने सिद्धार्थ कन्नन के साथ एक इंटरव्यू में खुलासा किया कि मकरंद देशपांडे ने भी इसे ठुकरा दिया था. उन्होंने फिल्म की, क्योंकि वह निर्देशक राजकुमार हिरानी को एक व्यक्ति और एक फिल्म निर्माता के रूप में पसंद करते थे.
उन्होंने कहा, “मुझे पता था कि ये फिल्म करने के बाद, मेरी जिंदगी बर्बाद है. मुझे लगा यह आखिरी फिल्म है, जो मैं करूंगा. यह एक गुंडे का रोल था.
उन्होंने आगे कहा, “जब आप एक भूमिका के लिए सहमत होते हैं, तो आप केवल वही देखते हैं, जो कागज पर होता है. फिल्म के आने के बाद ही आपको पता चलता है कि यह क्या है और इसका क्या प्रभाव पड़ा है. यह एक गुंडे का रोल था, जो पांच अन्य गुंडों में शामिल था, जो हीरो के साथ टैगिंग कर रहे थे. मैंने सोचा था कि यह मेरे करियर की आखिरी फिल्म होगी… भले ही फिल्म हिट हो जाए, मुझे कुछ नहीं मिलेगा.
अरशद ने कहा, “मुझे राजू पसंद आया. वह एक अच्छे इंसान और अच्छे निर्देशक थे और मुझे कहानी पसंद आई. मुझे फिल्म पसंद आई, लेकिन मुझे पता था कि इससे मुझे कुछ हासिल नहीं होगा.
बता दें कि मुन्ना भाई एमबीबीएस ने संजय दत्त के करियर को पुनर्जीवित किया, और राजकुमार हिरानी को बॉलीवुड के सबसे बड़े निर्देशकों में से एक के रूप में स्थापित किया. फिल्म ने लगे रहो मुन्ना भाई नामक एक सीक्वल बनाया, जो एक हिट के रूप में भी उभरा.