वाराणसी: जी20 के डेलीगेट्स ने मंगलवार को वाराणसी में बौद्ध धर्म स्थ्ली सारनाथ का दौरा किया. उन्होंने वहां उपदेश स्थल, प्राचीन खंडहर, स्मारक, संग्रहालय, धमेक स्तूप को देखा. उनके साथ विदेश मंत्री एस. जयशंकर भी मौजूद थे. साथ ही यूपी सरकार की तरफ से तैनात 115 गाइड भी विदेशी प्रतिनिधियों की जिज्ञासा शांतकर रहे थे.
सारनाथ दौरे में विदेशी डेलीगेट्स ने गुप्तकाल में बने 43.6 मीटर ऊंचे और 28 मीटर चौड़े धमेक स्तूप की परिक्रमा की. स्तूप पर लगे शिलापट्ट को पढ़ा. साथ में मौजूद गाइड से स्तूप के इतिहास की जानकारी ली. सारनाथ में विदेशी अतिथियों के लिये सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया.
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि सारनाथ दर्शन की अद्भुत स्मृतियों को साथ लेकर हम लोग वाराणसी से जा रहे हैं. इससे पहले वाराणसी में जी20 विकास मंत्रियों ने सतत् विकास लक्ष्यों (SDG) पर प्रगति में तेजी लाने के लिये भारत की तरफ से प्रस्तुत एक महत्वाकांक्षी सात वर्षीय कार्य योजना को अपनाया.
इसके अलावा जलवायु परिवर्तन संबंधी लक्ष्यों की पूर्ति के लिये टिकाऊ जीवनशैली के संबंध में सहयोग, भागीदारी बढ़ाने के उद्देश्य से एक और दस्तावेज को बैठक में स्वीकार किया गया. विकास मंत्रियों ने अपनाये गये परिणाम दस्तावेज 9 और 10 सितंबर को नई दिल्ली में आयोजित होने वाले समूह के शिखर सम्मेलन में जी20 नेता विचार के लिये प्रस्तुत करेंगे.
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने इस मौके पर कहा कि एसडीजी पर कार्ययोजना न केवल विकास एजेंडे के लिये एक मजबूत जी20 प्रतिबद्धता को प्रेरित करेगी, बल्कि तीन प्रमुख क्षेत्रों में परिवर्तनकारी कार्रवाईयों को आगे बढ़ाएगी. उन्होंने बताया कि लाइफ स्टाइल को लेकर जी20 देशों के बीच विचार-विमर्श किया गया. यहां पर भारत की लाइफ स्टाइल को मॉडल की तरह पेश किया गया. बैठक में लाइफ स्टाइल के 9 सिद्धांत तय किये गये.
एस. जयशंकर ने कहा कि भारत वैश्विक दक्षिण की आवाज बन गया है. उसने सतत विकास लक्ष्यों (SDG) को प्राप्त करने के संबंध में वित्तीय अंतर और ऋण चुनौतियों के मुद्दों को उठाने की कोशिश की है. भारत के दृष्टिकोण ने जी20 के फोकस पर विकास को वापस लाया है और वैश्विक दक्षिण के देशों के लिये आशा जगायी है.