Yogini Ekadashi 2023: योगिनी एकादशी का व्रत इस बार आज यानी 14 जून, बुधवार को रखा जाएगा. इस दिन भक्त पूरी श्रद्धा से भगवान विष्णु की आराधना करते हैं. यह एकादशी समस्त पापों का नाश करती है. माना जाता है कि इस व्रत को करने से हर तरह के श्रापों से मुक्ति मिल जाती है. आइए जानते हैं योगिनी एकादशी क्यों खास होती है और इसकी पूजन विधि क्या है.
पंचांग के अनुसार एकादशी तिथि 13 जून को सुबह 09 बजकर 28 मिनट पर शुरू होगी जो 14 जून को सुबह 08 बजकर 28 मिनट पर समाप्त होगी. लेकिन उदया तिथि के अनुसार योगिनी एकादशी का व्रत 14 जून को ही रखा जाएगा. जबकि योगिनी एकादशी के व्रत का पारण 15 जून, गुरुवार को किया जाएगा। योगिनी एकादशी व्रत का पारण समय सुबह 05 बजकर 23 मिनट से सुबह 08 बजकर 10 मिनट तक रहेगा.
योगिनी एकादशी के बाद देवशयनी एकादशी मनाई जाती है. देवशयनी एकादशी से भगवान विष्णु 4 महीनों के लिए योग निद्रा में चले जाते हैं. इसके बाद शुभ कार्य पूरी तरह से वर्जित हो जाते हैं, इसलिए योगिनी एकादशी को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. इसके अलावा, निर्जला एकादशी और देवशयन एकादशी जैसी महत्वपूर्ण एकादशी के बीच योगिनी एकादशी आती है. इस वजह से भी इसका महत्व काफी बढ़ जाता है.
योगिनी एकादशी का व्रत बेहद फलदायी माना जाता है. इसे करने से 80 हजार ब्राह्मणों को भोजन कराने के बराबर पुण्य मिलता है. माना जाता है कि यह एकादशी सभी पाप से मुक्ति दिलाती है. इस व्रत के पुण्य प्रभाव से व्यक्ति को सभी सुख प्राप्त होते हैं और मृत्यु बाद विष्णु कृपा से व्यक्ति को मोक्ष मिल जाता है.
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