Jharkhand News: झारखंड हाइकोर्ट ने रामगढ़ जिले के गोला प्रखंड में मनरेगाकर्मियों के वर्ष 2009-2010 के बकाये भुगतान मामले में दायर अपील याचिका पर सुनवाई की. जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद और जस्टिस रत्नाकर भेंगरा की खंडपीठ में सुनवाई के दाैरान हजारीबाग के उप श्रमायुक्त (डिप्टी लेबर कमिश्नर) सशरीर हाजिर हुए. उनका जवाब सुनने के बाद खंडपीठ ने राज्य सरकार को शपथ पत्र दायर करने का निर्देश दिया. साथ ही प्रार्थी को मामले में रामगढ़ के उपायुक्त को प्रतिवादी बनाने को कहा. मामले की अगली सुनवाई 27 जून को होगी.
प्रार्थी ने एकल पीठ के आदेश को दी चुनौती
इससे पूर्व हजारीबाग के उप श्रमायुक्त की ओर से खंडपीठ को बताया गया कि प्रार्थी कब और कहां पदस्थापित था, उसकी जानकारी उन्हें नहीं है. इस मामले में सक्षम अधिकारी रामगढ़ के उपायुक्त हैं. बता दें कि प्रार्थी तत्कालीन जूनियर इंजीनियर राकेश कुमार ने अपील याचिका दायर कर एकल पीठ के आदेश को चुनाैती दी है. उन्होंने एकल पीठ के आदेश को निरस्त करने की मांग की है. अपील याचिका में कहा गया है कि मनरेगाकर्मियों के बकाया का मामला उनके समय का नहीं है. उस समय वह पदस्थापित भी नहीं थे. बकाया का भुगतान नहीं होने के लिए वह जिम्मेवार नहीं हैं.