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बोकारो का एक कुआं बना चर्चा का विषय, दूर-दूर से लोग आते हैं देखने, जानिए वजह

बोकारो जिले के कसमार प्रखंड में एक कुआं चर्चा का विषय बना हुआ है. इस कुएं के बारे में सुनकर प्रायः दिन लोग इसे देखने आते हैं. आइये जानते हैं क्या कारण है.

बोकारो, दीपक सवाल : कसमार प्रखंड के मंजूरा में एक कुआं कौतूहल का विषय बना हुआ है. वजह यह है कि इसके पानी का रंग दूधिया है. स्थानीय ग्रामीणों ने तो इसे दूधिया कुआं का उपनाम तक दे दिया है. इस कुएं के बारे में सुनकर प्रायः दिन लोग इसे देखने आते हैं. यह कुआं मंजूरा के सोखाडीह स्थित ऊपर टोला में प्रफुल्ल महतो की जमीन पर इनके घर से कुछ फीट की दूरी पर अवस्थित है. 2017 में मनरेगा के तहत इसका निर्माण हुआ है. प्रफुल्ल महतो ने बताया कि कुआं की खुदाई के दौरान दूधिया रंग का पानी देखकर हर किसी को अजीब लगा, क्योंकि सामान्य तौर पर किसी कुआं का पानी इस प्रकार नहीं देखा गया है.

महतो के अनुसार, प्रारंभ में इसके पानी के उपयोग को लेकर थोड़ा संकोच था, लेकिन, जब इसका सेवन किया गया तो वह सामान्य कुओं के पानी जैसा ही लगा. बताया गया कि इस कुआं से करीब 50 फीट दूर भागीरथ महतो की जमीन पर निर्मित कुएं के पानी का रंग भी हल्का दूधिया है. इसका निर्माण भी मनरेगा के तहत 2020-21 में हुआ है. जबकि, इसके आसपास या गांव के अन्य सभी कुंओं के पानी का रंग बिल्कुल सामान्य है. प्रफुल्ल महतो ने बताया कि 2017 से पहले उनके परिवार के लोग घर से थोड़ी दूर खेत के किनारे स्वनिर्मित एक छोटे-से कुएं का पानी पीते थे. उस कुएं का पानी भी सामान्य है.

फ्लोराइड हो सकती है वजह

लुगुबुरू पर रिसर्च कर चुके पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर निवासी आइआइटी की वैज्ञानिक सुगाता सिन्हा के अनुसार, कुआं के पानी का दूधिया रंग की वास्तविक वजह उसके सैंपल की जांच से ही सामने आ सकती है. लेकिन तसवीर और वीडियो के आधार पर प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होटा है कि इस कुएं के पानी का रंग फ्लोराइड की वजह से दूधिया हो सकता है. फ्लोराइड एक मिनरल है. पानी और मिट्टी में विभिन्न स्तरों पर यह मौजूद होता है. संभव है कि उस कुएं के निचले हिस्से में उससे सटा या अगल-बगल में फ्लोराइड के मिनरल उपलब्ध होंगे, जिससे घुलकर दूधिया पानी कुआं में संग्रह हो रहा होगा.

चीनी मिट्टी भी हो सकती है वजह : ग्रामीण

इधर, स्थानीय ग्रामीणों व प्रफुल्ल महतो के परिजनों का मानना है कि पानी के दूधिया रंग की वजह चीनी मिट्टी भी हो सकती है. क्योंकि, इस क्षेत्र में कई जगहों पर चीनी मिट्टी प्रचुर मात्रा में है. संभव है कि इस कुएं के नीचे या अगल-बगल में चीनी मिट्टी की उपलब्धता है और उसी के चलते पानी का रंग दूधिया निकल रहा है.

2017 से निर्माण होने के बाद से ही परिवार के सारे सदस्य खाने-पीने और नहाने में इसी कुएं के पानी का उपयोग कर रहे हैं, लेकिन अभी-तक किसी के स्वास्थ्य पर कोई प्रतिकूल असर नहीं पड़ा है. हालांकि, शुरुआत में थोड़ी हिचक थी, पर अब इसका उपयोग सभी लोग बेहिचक करते हैं. शायद चीनी मिट्टी के चलते इस कुएं के पानी का रंग दूधिया है.

-प्रफुल्ल महतो, सोखाडीह (मंजूरा), कसमार

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दिव्यांगता का हो सकता है खतरा : सिविल सर्जन

बोकारो के सिविल सर्जन डॉ अभय भूषण प्रसाद के अनुसार, फ्लोराइडयुक्त पानी का अत्यधिक सेवन दिव्यांगता का कारण बन सकता है. अगर सचमुच में उस कुएं का पानी फ्लोराइड मिनरल की वजह से दूधिया निकल रहा है तो उसे फिल्टर करके ही सेवन करना चाहिए, अन्यथा दिव्यांगता का खतरा उत्पन्न हो सकता है.

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