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आपकी सलाह पर देश में लागू होगा समान नागरिक संहिता! विधि आयोग ने मांगी लोगों से राय, भेजें अपना सुझाव

विधि आयोग ने समान नागरिक संहिता की जरूरत पर नये सिरे से गौर करने का फैसला किया है . आयोग ने इसके लिए आम लोगों के साथ-साथ मान्यता प्राप्त धार्मिक संगठनों के सदस्यों सहित विभिन्न हितधारकों के विचार भी आमंत्रित किये हैं.

देश में काफी समय से समान नागरिक संहिता पर चर्चा हो रही है. संविधान में इसका वर्णन है, लेकिन इसे अभी तक लागू नहीं किया गया है. हालांकि देश में कई लोग इसे लागू करने की बात करते रहते हैं. इसी कड़ी में विधि आयोग ने बुधवार को कहा है कि उसने समान नागरिक संहिता (UCC, यूसीसी) की जरूरत पर नये सिरे से गौर करने का फैसला किया है . विधि आयोग ने इसके लिए आम लोगों के साथ-साथ मान्यता प्राप्त धार्मिक संगठनों के सदस्यों सहित विभिन्न हितधारकों के विचार भी आमंत्रित किये हैं.

नये सिरे से चर्चा करने का फैसला

गौरतलब है कि इससे पहले 21वें विधि आयोग ने इस मुद्दे की पड़ताल की थी और राजनीतिक रूप से संवेदनशील मुद्दा, समान नागरिक संहिता पर दो मौकों पर सभी हितधारकों के विचार मांगे थे. हालांकि उसका कार्यकाल अगस्त 2018 में समाप्त हो गया था. इसके बाद, परिवार कानून में सुधारों पर 2018 में एक परामर्श पत्र जारी किया गया था. वहीं, आयोग ने अपने एक बयान में कहा कि उक्त परामर्श पत्र को जारी करने की तिथि से तीन सालों से अधिक समय बीत जाने के बाद विषय के महत्व और इसपर विभिन्न अदालती आदेशों को ध्यान में रखते हुए 22वें विधि आयोग ने मुद्दे पर नये सिरे से चर्चा करने का फैसला किया है.

मांगी जा रही है राय

गौरतलब है कि 22वें विधि आयोग को हाल में तीन साल का कार्य विस्तार दिया गया है. उसने कानून एवं न्याय मंत्रालय द्वारा एक पत्र भेजे जाने के बाद समान नागरिक संहिता से जुड़े विषयों की पड़ताल शुरू कर दी है. बयान में कहा गया, इसी के मुताबिक 22वें विधि आयोग ने एक बार फिर समान नागरिक संहिता पर व्यापक स्तर पर लोगों और मान्यता प्राप्त धार्मिक संगठनों के विचार मांगने का फैसला किया है. इसमें रुचि रखने वाले इच्छुक लोग व संगठन नोटिस जारी होने की तारीख की 30 दिन की अवधि के अंदर विधि आयोग को अपने विचार दे सकते हैं.

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क्या है समान नागरिक संहिता कानून
गौरतलब है कि समान नागरिक संहिता का जिक्र संविधान के अनुच्छेद 44 में किया गया है. समान नागरिक संहिता कानून के तहत भारत में रहने वाले हर नागरिक के लिए समान कानून होगा. समान नागरिक संहिता कानून में शादी, तलाक और जमीन-जायदाद के बंटवारे में सभी धर्मों के लिए एक ही कानून लागू होगा. यह कानून एक पंथनिरपेक्ष कानून होगा, जो सभी धर्मों के लिए समान रूप से लागू होगा. फिलहाल देश में मुस्लिम, ईसाई और पारसी का पर्सनल ला लागू है. समान नागरिक संहिता कानून को लेकर काफी समय से बहस चल रही है. लेकिन इसे अब तक लागू नहीं किया जा सका है.

भाषा इनपुट से साभार

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