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नहीं होता बालासोर हादसा! ओडिशा रेल हादसे से 2 महीने पहले ही रेलवे बोर्ड ने किया था अलर्ट

Balasore Rail Accident: रेलवे बोर्ड ने पत्र में लिखा था कि रेलवे ने सुरक्षा की दृष्टि से कई मानक तय किये हैं. जैसे यदि पटरियों का मेंटीनेंस हुआ है तो पहले उसका प्रॉपर चेक करने की जरूरत है.

Balasore Rail Accident: ओडिशा में पिछले दिनों हुए ट्रेन हादसे ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया था. हादसे में ढाई सौ से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी. इस हादसे के बाद जो अब खबर सामने आयी है, वो चौंकाने वाली है. दरअसल, रेलवे बोर्ड ने अप्रैल में सभी जोनल चीफ ऑफिसर्स को कर्मचारियों से शॉर्ट कट तरीकों से बचने के लिए कहा था. उन्होंने इसे खतरनाक बताया था.

अंग्रेजी वेबसाइट हिंदुस्तान टाइम्स ने इस संबंध में एक खबर प्रकाशित की है जिसमें कहा गया है कि रेलवे बोर्ड ने इन घटनाओं को चिंताजनक करार दिया था और सुरक्षा बैठकों में हर हफ्ते इन पहलुओं की समीक्षा करने को कहा था. बोर्ड ने 3 अप्रैल को एक पत्र लिखा और सभी जोनल प्रमुखों को कहा कि हाल ही में, विभिन्न जोनल रेलवे पर असुरक्षित साइड वाले पॉइंट्स पर पांच घटनाएं हुई हैं. यह चिंताजनक और गंभीर चिंता का विषय है.

रेलवे बोर्ड ने क्या कहा

रेलवे बोर्ड ने पत्र में लिखा था कि रेलवे ने सुरक्षा की दृष्टि से कई मानक तय किये हैं. जैसे यदि पटरियों का मेंटीनेंस हुआ है तो पहले उसका प्रॉपर चेक करने की जरूरत है. इसके बाद ही उसको सिग्निलिंग गियर से जोड़ने का काम किया जाएगा. लेकिन सिग्नलिंग और टेलीकॉम कर्मचारी जल्दबाजी और काम से बचने का प्रयास करते हैं. वे इसे वैसे ही जोड़ देते हैं. शुरुआती कार्य के दौरान गलत वायरिंग पर ध्यान देना, सिग्नल को दुरुस्त रखना… इस तरह के कुछ मानक हैं जिनसे आप हादसों को रोकने में कामयाब होते हैं. बोर्ड की ओर से सचेत किया गया था कि यदि इस तरह की गलतियां होंगी तो ये दर्शाता है कि रेलवे के कोड मैनुअल को आप कमजोर कर रहे हैं. इससे हादसों का खतरा बढ़ जाता है.

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बालासोर में दर्दनाक हादसे की जांच जारी

यहां चर्चा कर दें कि 2 जून की शाम को बालासोर में दर्दनाक हादसा हुआ था जिससे पूरे देश में शोक की लहर दौड़ पड़ी. इसके करीब दो महीने पहले पत्र भेजा गया था. हादसे में कोलकाता-चेन्नई (कोरोमंडल एक्सप्रेस), बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी में टक्कर हुई थी जिसकी जांच चल रही है. रेलवे सुरक्षा आयुक्त (CRS) के साथ-साथ सीबीआई भी मामले की जांच कर रही है. रेलवे बोर्ड ने लेटर में ये भी कहा था कि बार-बार इस तरह की घटनाएं होने से पता चल रहा है कि बार-बार निर्देश देने के बाद भी जमीनी स्थिति में कोई बदलाव नहीं किया जा रहा है.

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