21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Frog wedding: वर्षा के लिए मेंढकों की शादी की अजीबोगरीब प्रथा, इस वजह से तलाक भी कराया जाता है

Frog wedding in india: जानना चाहते हैं कि मेंढक की शादी कैसे होती है? इस रस्म में मेंढकी को बिठाकर जिस्म पर तेल लगाया जाता है. उसके बाद, उसे कुछ समय के लिए छोड़ दिया जाता है और पानी से नहलाया जाता है और उसके विवाह के दिन के लिए तैयार किया जाता है. आगे पढ़ें पूरी डिटेल...

Frog wedding in india: धर्मों, जातियों, समुदायों में हमारी विविधता के कारण भारत में हजारों त्यौहार, परंपराएं और रीति-रिवाज हैं जिनका पालन किया जाता है. इनमें से बहुत से रीति-रिवाज सैकड़ों से हजारों साल पहले अंधविश्वास से भी पैदा हुए थे. इनमें से ही एक रिवाज है जिसके बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं. जिस पर आपको विश्वास करना मुश्किल हो सकता है वह है बारिश के देवता को खुश करने और अधिक बारिश लाने के लिए दो मेंढकों की शादी कराना. भोपाल में हाल ही में एक घटना में, दो मेंढकों को उनकी शादी के दो महीने बाद तलाक भी दिलाया गया क्योंकि वहां अत्यधिक बारिश होने लगी थी. जानें मेंढक की शादी करने का रिवाज क्यों शुरु हुआ, क्या है मान्यता और कैसे कराते हैं मेंढक की शादी.

मेंढक की शादी क्यों?

भारत एक उष्णकटिबंधीय देश है और एक अनुकूल दक्षिण-पश्चिम ग्रीष्म मानसून यहां फसलों की सिंचाई के लिए पानी सुरक्षित करने के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है. ऐसे में यदि किसी विशेष वर्ष में अच्छी बारिश नहीं होती है तो पानी की कमी हो जाती है, जिसके परिणामस्वरूप औसत से कम फसल की पैदावार होती है, जो कि दक्षिणी और पूर्वी महाराष्ट्र, उत्तरी कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, गुजरात, तेलंगाना और राजस्थान जैसे प्रमुख क्षेत्रों में हर साल होता है.

वर्षा पर निर्भरता ने मेंढक की शादी जैसे अनुष्ठानों को जन्म दिया

चूंकि भारत एक कृषि प्रधान देश है, इसलिए एक बड़ी आबादी अपनी आय के स्रोत के रूप में खेती पर निर्भर करती है. पानी की कमी (वर्षा), इसलिए, सूखे की ओर ले जाती है जो अकाल पैदा करती है जिससे आबादी का एक बड़ा प्रतिशत प्रभावित होता है. उदाहरण के लिए, 1972 के महाराष्ट्र सूखे में 2.5 करोड़ लोग प्रभावित हुए थे. अच्छे मानसून पर इस निर्भरता ने वर्षा देवताओं को प्रसन्न करने और प्रचुर मात्रा में वर्षा लाने के लिए कई अनुष्ठानों को जन्म दिया है. इन्हीं लोकप्रिय रस्मों में से एक है मेंढक की शादी.

एक रस्म के रूप में मेंढक की शादी

मेंढकों की शादी बारिश के भगवान को खुश करने का एक तरीका है जिसमें दो मेंढकों की शादी बिल्कुल उसी तरह की जाती है जैसे किसी हिंदू शादी में होती है. भारत के अलग-अलग हिस्सों में ये अलग-अलग रूप धारण करते हैं और अलग-अलग नामों से जाने जाते हैं. उदाहरण के लिए, इस रस्म को असम में भेकुलिर बिया या दक्षिणी भारत में मांडूका परिनया और त्रिपुरा में बांगर बायें के नाम से जानते हैं. असमिया में, भकुली का मतलब मेंढक होता है और बया शादी होता है, जबकि त्रिपुरा में, बंग एक मेंढक है, बाये शादी है. दक्षिण भारतीय भाषा में मंडूका का अर्थ मेंढक और परिणय का अर्थ विवाह होता है.

असमिया लोकगीत में बताया गया है मेढ़क नहीं बोलेंगे तो वर्षा नहीं होगी

असमिया पूर्वजों का मानना ​​था कि अगर मेंढक टर्राते हैं और अपने साथी को बुलाते हैं, तो बारिश होती है. मानसून मेंढकों के संभोग का मौसम होता है. एक पुरानी असमिया कविता भी है जिसमें कहा गया है कि किसान बादलों से प्रार्थना करते हैं और उनसे पूछते हैं कि बारिश क्यों नहीं हो रही है. तब मेघ उत्तर देते हैं कि मेढ़क नहीं बोलेंगे तो वर्षा नहीं होगी? इस तरह इस अनुष्ठान में मेंढक के टर्राने को बारिश से जोड़ा जाता है.

मेंढकों की शादी

जानना चाहते हैं कि मेंढक की शादी कैसे होती है? इस रस्म में मेंढकी को बिठाकर जिस्म पर तेल लगाया जाता है. उसके बाद, उसे कुछ समय के लिए छोड़ दिया जाता है और पानी से नहलाया जाता है और उसके विवाह के दिन के लिए तैयार किया जाता है. इस बीच, सैकड़ों ग्रामीण इकट्ठा होते हैं और वैदिक भजनों का पाठ किया जाता है. बाद में मेंढकी को सिंदूर लगाकर जीवन भर के लिए अपने साथी से बांध दिया जाता है. एक बार शादी हो जाने के बाद, दुल्हन को एक सजी हुई हाथ गाड़ी में दूल्हे के घर भेजा जाता है. बाद में, जोड़े को तालाब में छोड़ दिया जाता है और फिर लोग बारिश के लिए भगवान से प्रार्थना करते हैं.

मेढकों का तलाक भी

वर्षा कराने के लिए जहां मेढकों की शादी कराई जाती है वहीं एक अन्य रिवाज में यदि अत्यधिक वर्षा हो तो उसे रोकने के लिए मेढकों का तलाक भी कराया जाता है.

Also Read: Astrology Tips: लाल मिर्च के चमत्कारी उपाय से दूर हो जायेंगे संकट, मिलेगी सफलता

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें