पटना. समय से पहले लोकसभा चुनाव होने की संभावना वाले नीतीश कुमार के बयान पर बिहार में सियासी बयानबाजी तेज हो गयी है. राजद जहां नीतीश कुमार के इस बयान को उनके अनुभव से जोड़ रहा है वहीं भाजपा नीतीश कुमार के इस बयान पर तंज कर रही है. बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पूछा है कि उन्होंने चुनाव को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कोई बात की है, जिससे उन्हें देश में जल्द चुनाव की संभावना को लेकर इतना यकीन हो गया है.
दिल्ली से पटना लौटने पर सम्राट चौधरी ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव की तरीख को लेकर तथ्य यह है कि इस पर केवल पीएम ही निर्णय ले सकते हैं, क्योंकि लोकसभा को भंग करने के लिए कैबिनेट के फैसले की आवश्यकता होगी. क्या इस पर उन्होंने पीएम से कोई बात की है या यह बड़े भाई राजद का बढ़ता दबाव है, जो उन्हें अटकलें लगाने पर मजबूर कर रहा है. सम्राट चौधरी ने कहा कि नीतीश कुमार स्पष्ट रूप से दबाव में हैं और इसलिए, वह कुर्सी पर बने रहने के लिए अटकलें लगाते रहते हैं. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि भाजपा को विपक्ष की बैठक की कोई परवाह नहीं है.
नीतीश कुमार ने बुधवार को ग्रामीण कार्य विभाग की समीक्षा के दौरान कहा था कि 2023 में भी आम चुनाव होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है. नीतीश कुमार के इस बयान के बाद बिहार की सियासत में बयानों की बाढ़ आ गयी. जदयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि 2024 से पहले और अधिक झटकों से बचने के लिए घबराई हुई भाजपा समय से पहले चुनाव के बारे में सोच सकती है. इस से कौन इनकार करेगा. राजद नेता ने कहा कि नीतीश कुमार को राजनीतिक अनुभव इतना है कि उनकी बातों को नजरअंदाज विपक्ष के नेता भी नहीं कर सकते हैं.
इधर, एएन सिन्हा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशियल स्टडीज के पूर्व निदेशक डीएम दिवाकर ने कहा कि समय से पहले चुनाव भारतीय लोकतंत्र में कोई नई बात नहीं है. कोई नहीं जानता कि नीतीश के मन में क्या चल रहा है. बिहार में भी समय से पहले विधानसभा चुनाव हो सकता है. ये सब संभावनाओं का खेल है.