मुंबई में देशभर के विधायक व विधान पार्षद का महाजुटान है. विभिन्न राज्यों से 2500 से ज्यादा विधायक इस सम्मेलन में शामिल होंगे. झारखंड से पक्ष-विपक्ष के दो दर्जन से ज्यादा विधायक मुंबई पहुंच चुके हैं. विधायकों ने गुरुवार को राष्ट्रीय विधायक सम्मेलन में शामिल होने के लिए निबंधन कराया. सम्मेलन में 16-17 जून को अलग-अलग एजेंडा पर संवाद होगा.
सम्मेलन के पहले दिन सार्वजनिक जीवन में तनाव, सतत विकास और प्रतिफल, कल्याणकारी योजना, आर्थिक विकास में तकनीक का प्रयोग के साथ-साथ बेहतर विधायी प्रक्रिया पर विशेषज्ञ अपनी राय देंगे. इन विषयों पर देशभर से जुटे विधायक अपना अनुभव बतायेंगे. इसके साथ ही विधायक राउंड डेबल डिस्कशन में हिस्सा लेंगे. वर्ष 2047 में भारत विषय पर अलग-अलग दलों के विधायक चर्चा करेंगे.
सदन के अंदर होनेवाली बहस के स्वरूप और उसके स्तर को बढ़ाने पर भी मंथन होगा. विधायी प्रक्रिया की चुनौतियों को लेकर भी विधायक प्रतिनिधि संवाद करेंगे. 17 जून को सम्मेलन में विधायकों को अपने क्षेत्रों के बेहतर विकास का भी गुर सिखाया जायेगा. इसके साथ ब्यूरोक्रेसी के साथ समन्वय की पहलुओं पर भी चर्चा होगी. सम्मेलन में अलग-अलग राज्यों के गुड गवर्नेंस, सामाजिक और आर्थिक क्षेत्रोें में विकास के अभिनव प्रयोग से जुड़ी प्रदर्शनी भी होगी.
फोटो गैलेरी, लाइव वीडियो और समसामयिक विषयों पर कार्टून सम्मेलन का आकर्षण होंगे. सम्मेलन में लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष शिवराज पाटील, मीरा कुमार सहित कई राजनीतिक व विधायी कार्यों के विशेषज्ञ पहुंच रहे हैं. राष्ट्रीय सम्मेलन के आयोजन में महाराष्ट्र सरकार से लेकर एमआइटी स्कूल ऑफ गवर्मेंट, भारतीय छात्र संसद, यूनेस्को सहित कई गैर सरकारी संस्था भूमिका निभा रहे हैं.
सीपी सिंह, डॉ सरफराज अहमद, निरल पूर्ति, भानु प्रताप सिंह, विनोद सिंह, नवीन जायसवाल, डॉ लंबोदर महतो, दीपिका पांडेय सिंह, किशुन दास, जयमंगल सिंह, उमाशंकर अकेला, कुशवाहा शशिभूषण मेहता, इरफान अंसारी, राज सिन्हा, पूर्णिमा सिंह, शिल्पी नेहा तिर्की, समरी लाल, रामचंद्र सिंह सहित अन्य.