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हजारीबाग के सरकारी स्कूलों में पढ़नेवाले बच्चे अब खेल-खेल में बनेंगे निपुण, सीखेंगे रोचक तरीके से पढ़ना

जिले के सरकारी स्कूलों में निपुण भारत मिशन झारखंड कार्यक्रम के सफल संचालन को लेकर गुरुवार को जिला स्कूल सभागार में एक दिवसीय जिला स्तरीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया.

सरकारी स्कूलों के बच्चे अब खेल-खेल में रोचक तरीके से पढ़ना सीखेंगे. जिले के सभी 16 प्रखंडों में स्थित लगभग 1500 सरकारी स्कूलों में निपुण भारत मिशन झारखंड कार्यक्रम के तहत ऐसा किया जायेगा. स्कूलों में अध्यनरत तीन से नौ वर्ष तक के विद्यार्थियों को पढ़ाने के दौरान शिक्षक डेमो व अन्य माध्यमों का इस्तेमाल करेंगे.

मसलन, पौधे की जानकारी देते समय कक्षा में पौधे को रखा जायेगा. उसके जड़, तना, पत्ती, फूल व अन्य चीजों की जानकारी बच्चों को दी जायेगी. तस्वीरों व मॉडल के जरिये पशु-पक्षी की जानकारी दी जायेगी. उसके बोलने-खाने, चलने-उड़ने व रहन-सहन की जानकारी दी जायेगी. बच्चों को ऑन-द-स्पॉट (प्रत्यक्ष रूप से) पशु-पक्षी के रंग-रूप की जानकारी दी जायेगी.

वहीं, कार्यक्रम के तहत कक्षा पांच के विद्यार्थियों को पूरी तरह लिखने-पढ़ने के काबिल बनाया जायेगा. निपुण भारत मिशन झारखंड कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति को बढ़ावा देना और शिक्षा के वर्तमान ढांचे में परिवर्तन लाना है.

कार्यशाला में दी गयी जानकारी

जिले के सरकारी स्कूलों में निपुण भारत मिशन झारखंड कार्यक्रम के सफल संचालन को लेकर गुरुवार को जिला स्कूल सभागार में एक दिवसीय जिला स्तरीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया. इसमें ग्राउंड लेवल के अधिकारियों को प्रशिक्षित किया गया. कार्यशाला में सभी प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी, प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी, बीपीएम, बीआरपी, मास्टर ट्रेनर सहित झारखंड शिक्षा परियोजना कर्मी मौजूद थे. डीइओ उपेंद्र नारायण ने सभी को निपुण भारत मिशन झारखंड कार्यक्रम की जानकारी दी और बच्चों को रोचक माध्यमों से पढ़ाने के लिए प्रेरित किया.

बच्चों को सरल माध्यम से पढ़ायेंगे शिक्षक

स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की ओर से निपुण भारत मिशन झारखंड का संचालन किया जायेगा. इसमें विद्यार्थियों को बुनियादी साक्षरता और संख्या ज्ञान देने के लिए शिक्षक रोचक माध्यमों का इस्तेमाल करेंगे. अभी सरकार ने माना है कि कक्षा तीसरी से चौथी में प्रवेश करते समय कई विद्यार्थियों के पढ़ने-लिखने और बुनियादी संख्या ज्ञान में कमी है.

निपुण भारत मिशन झारखंड कार्यक्रम चलाकर विद्यार्थियों की इस कमी को दूर किया जायेगा. पढ़ाई के दौरान शिक्षक ऐसा माहौल तैयार करेंगे कि बच्चों को सरल माध्यम से सीखने में मदद मिले. साथ ही प्री-स्कूल अवस्था से कक्षा एक के बीच में बदलाव की प्रक्रिया को सशक्त बनाना है. मसलन ऐसे उम्र के बच्चों को उनकी रुचि के अनुसार पढ़ाई मिले. डीइओ ने कहा कि ऐसा नहीं करनेवाले शिक्षक चिह्नित किये जायेंगे.

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