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गढ़वा में है एक ऐसा विभाग, जहां 10 सालों से न तो साहेब और ना ही हुए किसी कर्मी के दर्शन

गढ़वा जिले में एक ऐसा भी जिलास्तरीय विभाग है, जहां पिछले दस सालों से न तो साहब केऔर ना ही किसी अन्य कर्मी के दर्शन हुये हैं. विभागीय बैठक में मौखिक एवं लिखित रूप से इस मामले को उठाया है, लेकिन कोई कारवाई नहीं की गयी है.

गढ़वा, पीयूष तिवारी : गढ़वा में एक ऐसा भी जिलास्तरीय विभाग है जिसकी यहां सिर्फ भवन भर है. लेकिन इसमें साहब से लेकर चपरासी तक किसी की भी पदस्थापना इस विभाग में नहीं हुई है. आम लोगों की बात तो दूर जिलास्तर के कई वरीय पदाधिकारी भी पूछने पर यह नहीं बता पाते कि मापतौल विभाग का कार्यालय कहां स्थित है और इसके पदाधिकारियों का नाम या मोबाईल नंबर क्या है. यह स्थिति कुछ दिनों से नहीं है, बल्कि 10 सालों से बनी हुई है. इस विभाग में 10 सालों से न तो साहब के दर्शन हुये हैं और ना ही किसी अन्य कर्मी के.

बताया जाता है कि कुछ महीने पहले तक बैजनाथ नामक टंडवा का एक व्यक्ति सप्ताह में एक दिन गुरुवार को विभाग का ताला खोलकर इसकी साफ-सफाई किया करता था. जबकि वह किसी भी पद पर नहीं है. बल्कि वरीय पदाधिकारियों के आदेश पर वह ऐसा किया करता था. लेकिन अब इस विभाग में पूरी तरह ताला लटका हुआ है और इसमें झाड़ु लगानेवाला भी कोई नहीं है. इस वजह से गढ़वा जिले में मापतौल से संबंधित कार्य पूरी तरह से भगवान भरोसे संपादित हो रहे हैं. मापतौल विभाग खाद्य, सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता विभाग का एक अंग है. गढ़वा में विभाग तो जिलास्तरीय है, लेकिन यहां अनुमंडलीय निरीक्षक का पदस्वीकृत है. हास्यास्पद स्थित यह है माप तौल विभाग का नाम बदलकर कब का विधिक माप विज्ञान विभाग कर दिया गया है. लेकिन गढ़वा में नया बोर्ड भी नहीं लगाया गया है.

क्या है मापतौल विभाग का काम

पीडीएस दुकान हो या किसी भी प्रकार का व्यवसायिक दुकान पुराने बटखरों वाले सिस्टम में प्रत्येक दो वर्ष एवं इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम में प्रतिवर्ष विभाग से मापतौल संयत्र व बटखारों की जांच एवं नवीनीकरण करवाने का नियम है. इसी प्रकार धर्म कांटा, पेट्रोल पंप आदि स्थानों पर सही माप-तौल हो रही है या नहीं इसका नियंत्रित रखने का दायित्व भी इसी विभाग पर है. लेकिन गढ़वा में न तो कार्यालय में कभी पदाधिकारी आते हैं और न ही कभी दुकानों में जांच करते हुये देखे गये हैं. गढ़वा के अधिकांश दुकानों को मापतौल विभाग की ओर से लाईसेंस भी प्राप्त नहीं है. इसलिए उपभोक्ता के ठगे जाने व कम तौलकर सामान दिये जाने की पूरी संभावना है.

गढ़वा में कम से कम तीन अनुमंडल निरीक्षक होने चाहिये

बताया गया कि प्रत्येक अनुमंडल में कम से कम एक मापतौल निरीक्षक की पदस्थापना होनी चाहिये. इस हिसाब से गढ़वा जिले में गढ़वा, रंका व नगरउंटारी अनुमंडल को मिलाकर तीन मापतौल निरीक्षक होने चाहिये, लेकिन एक भी नहीं है. इसके अलावे जिलास्तरीय पदाधिकारी का भी यहां पदस्थापना नहीं है.

व्यवसायियों एवं उपभोक्ता दोनों के हित में नहीं है विभाग का बंद रहना : चैंबर अध्यक्ष

इस संबंध में गढ़वा चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष बबलू पटवा ने कहा कि व्यवसायियों एवं उपभोक्ताओं में से किसी के भी हित में मापतौल विभाग का बंद रहना नहीं है. उन्होंने कहा कि इसको लेकर उन्होंने विभिन्न विभागीय बैठक में मौखिक एवं लिखित रूप से इस मामले को उठाया है, लेकिन कोई कारवाई नहीं की गयी है.

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