पटना. बिहार की सियासत में एक बार फिर रामचरितमानस पर बहस तलब है. शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के बाद अब राजद के विधायक रीतलाल यादव ने रामचरितमानस को लेकर बड़ा बयान दिया है. एक ओर जहां शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने कहा था कि रामचरितमानस नफरत फैलाने और समाज को बांटने वाला ग्रंथ है. अब वहीं राजद विधायक रीतलाल ने कहा है कि रामचरितमानस तो मस्जिद में लिखा गया था. यह गंगा जमुनी संस्कृति को संरक्षित करनेवाला ग्रंथ है. रीतलाल यादव ने कहा कि आज देश में भाजपा धर्म के नाम पर लोगों को बांटने की साजिश कर रही है.
दानापुर से राजद विधायक रीतलाल यादव ने कहा कि भाजपा के लोग मुसलमानों से नफरत करते हैं. हिंदू-हिंदुत्व की बात करते हैं, लेकिन इनकी पार्टी में काफी संख्या में मुसलमान भरे हुए हैं. भाजपा को पहले पार्टी के अंदर जितने मुसलमान हैं, उन्हें बाहर निकाल देना चाहिए. राजद विधायक ने कहा कि धर्म लोगों को जोड़ने का काम करता है. भाजपा धर्म के नाम पर एक दूसरे से नफरत पैदा करने में लगी हुई है. राम के नाम पर मुसलमानों से नफरत पैदा किया जा रहा है. आप इतिहास उठाकर देख लीजिए रामचरितमानस को मस्जिद में लिखा गया था. लोग अब इस बात को समझने लगे हैं.
रामचरितमानस पर राजद विधायक रीतलाल यादव की टिप्पणी पर जदयू हमलावर है. जदयू प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा कि लोग अपनी सहूलियत के हिसाब से कुछ भी अनर्गल बयान दे देते हैं. ऐसे बयानों से बचना चाहिए. इससे जनता में गलत संदेश जाता है. वैसे कोई भी व्यक्ति किसी भी धर्म में आस्था रख सकता है. यह लोगों का निजी मामला होता है, लेकिन इस तरह का एजेंडा तो भाजपा का रहता है. धर्म के नाम पर तनाव पैदा करना.
भाजपा के प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने रीतलाल के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि दुनिया का सबसे पुरातन धर्म हिंदू सनातन धर्म है. इसकी संस्कृति को पूरी दुनिया के लोगों ने अपनाया है. उस धर्म के खिलाफ बोलना अज्ञानता का परिचायक है. जो लोग रामचरितमानस पर बयानबाजी कर रहे हैं, उनको ज्ञान की आवश्यकता है. पहले जानकारी प्राप्त कर लें फिर रामायण की रचना के बारे में बोलें.