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रांची पुलिस की दबंगई, वार्दी वाले बाबू से पूछे सवाल तो कर दी बेरहमी से पिटाई, आरोपी निलंबित

युवक की ऐसी पिटाई की गयी कि उसे सदर अस्पताल से रिम्स रेफर करना पड़ा. युवक के आंख, नाक और गले पर चोट के गहरे निशान हैं. नाक में खून का थक्का जमा है

गुरुवार की रात अरगोड़ा पुलिस की दरिंदगी सामने आयी है. थाने के पुलिसकर्मियों ने एक युवक विनोद कुमार सिन्हा की बेरहमी से पिटाई की है. युवक विनोद कुमार सिन्हा की गलती बस इतनी थी कि उसने थाने में मौजूद पुलिसकर्मी से चंद सवाल पूछ लिये. थाना का बत्ती बुझा कर मुंशी के साथ अन्य पुलिसकर्मी भी उसकी पिटाई करने लगे. बत्ती इसलिए बुझायी गयी कि मारपीट का सीसीटीवी फुटेज वरीय अधिकारियों को नहीं मिले.

युवक की ऐसी पिटाई की गयी कि उसे सदर अस्पताल से रिम्स रेफर करना पड़ा. युवक के आंख, नाक और गले पर चोट के गहरे निशान हैं. नाक में खून का थक्का जमा है. आंख पूरी तरह से चोटिल है. उनके एक आंख से ठीक से दिख नहीं रहा है. रिम्स में डॉक्टरों ने सीटी स्कैन और एमआरआइ कराने को कहा है.

रिम्स में इलाजरत विनोद ने पूरा घटनाक्रम को प्रभात खबर के साथ साझा किया. उसने बताया कि वह हरमू बाजार में सब्जी खरीद रहा था. इसी बीच बाजार में एक मोबाइल चोर पकड़ाया. आम लोग चोर के साथ मारपीट कर रहे थे. इसी बीच सूचना मिलने पर वहां मोबाइल गाड़ी आयी और चोर को अपने साथ थाना ले गयी. विनोद का मोबाइल भी दो महीने पहले चोरी हुआ था.

उसे लगा कि उसके मोबाइल की भी कोई जानकारी मिल जायेगी. वह पुलिसकर्मियों के कहने पर थाना पहुंच गया. थाने में कुछ और लोग आ गये थे. विनोद ने बताया कि उन्होंने थाना जाने से पूर्व अपने मित्र गोपी दुबे को सूचना दी थी कि एक चोर पकड़ाया है, वह थाना जा रहा है. उसने गोपी को फोन कर थाना बुलाया था.

इधर, थाने में विनोद ने सामने बैठे पुलिसकर्मी से बस इतना पूछा : चोर पकड़ाता है, क्या मोबाइल भी मिलता है? हर दिन आप लोग 10 सनहा लिखते हैं. कभी मोबाइल रिकवर नहीं होता? लगता है कि पुलिस की शह पर होता है? इनता सुनना था कि सामने बैठे मुंशी ने उसे अंदर बुलाया. विनोद के अंदर पहुंचते ही चेहरे पर घूंसा मारने लगा. लात-जूते से पिटाई शुरू कर दी.

वह नीचे गिर गया, इसके बाद भी नहीं छोड़ा. उसके नाक, मुंह से खून गिरने लगा. पूरे फर्श में खून बिखर गया. इसके बाद हालात देखते हुए दूसरे पुलिसकर्मी फर्श से खून हटाने लगे, पानी से खून को धो दिया गया. बगल में थाना प्रभारी संजय कुमार भी अपने कमरे में थे. विनोद का पूरा चेहरा लहूलुहान था.

इसी बीच उसका मित्र गोपी पहुंचा. उसे विनोद से मिलने नहीं दिया जा रहा था. उसके मित्र गोपी ने बताया कि थाना प्रभारी ने कहा कि विनोद को कल पहुंचा दिया जायेगा. इस पर गोपी ने विरोध किया, तो थाना प्रभारी श्री कुमार ने कहा कि उसने शराब पी रखी है, उसने अपना माथा पटक दिया है. इसी बीच सूचना के बाद डीएसपी वहां पहुंचे.

उन्होंने युवक को इलाज के लिए सदर अस्पताल भेजा. इधर, पुलिस की कोशिश थी कि युवक को कैसे शराबी घोषित किया जाये. सदर के डॉक्टरों ने अपनी जांच रिपोर्ट में लिखा कि युवक के शराब पीने के कोई सबूत नहीं हैं. फिलहाल युवक के परिवार वाले न्याय की दुहाई मांग रहे हैं.

मुंशी उपेंद्र सिंह निलंबित, थाना प्रभारी को शोकॉज

गुरुवार की रात बर्बर तरीके से विनोद कुमार सिन्हा नामक व्यक्ति से अरगोड़ा थाना में मारपीट करने के आरोपी मुंशी उपेंद्र सिंह को निलंबित कर दिया गया है. मामला मीडिया में आने के बाद डीजीपी अजय कुमार सिंह ने रांची रेंज डीआइजी अनूप बिरथरे को कार्रवाई का निर्देश दिया था. इसके बाद डीआइजी ने सिटी एसपी शुभांशु जैन को मामले की जांच की जवाबदेही सौंपी. सिटी एसपी ने जांच कर रिपोर्ट प्रभारी एसएसपी नौशाद आलम को दी. इसके बाद उन्होंने मुंशी उपेंद्र सिंह को निलंबित करने का आदेश दिया. साथ ही अरगोड़ा थाना प्रभारी संजय कुमार को शो कॉज किया. इनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही भी होगी.

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