Lucknow: यूपी में भीषण गर्मी के बीच अघोषित बिजली कटौती ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. राजधानी लखनऊ सहित पूरे प्रदेश में बिजली कटौती की शिकायतें सामने आने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने कड़ी नाराजगी जताई है. उन्होंने कंट्रोल रूम बनाने के निर्देश दिए हैं.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऊर्जा मंत्री एके शर्मा (AK Sharma) और उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (UPPCL) के अध्यक्ष एम देवराज (M Devraj) को तलब कर नाराजगी जतायी. मुख्यमंत्री ने तत्काल प्रदेश की विद्युत व्यवस्था में सुधार लाने के आदेश दिए हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की विद्युत व्यवस्था को तत्काल सुधारा जाए. उन्होंने अधिकारियों को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि प्रदेश में कहीं भी गड़बड़ी हो, तुरंत उसे ठीक किया जाए. शहर हो या गांव, जहां कहीं भी ट्रांसफॉर्मर खराब होने की सूचना मिले, तत्काल प्रभाव से वहां ट्रांसफॉर्मर बदला जाए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने बिजली व्यवस्था को लेकर जो नीति घोषित की है उसे पूरी तत्परता से लागू किया जाए. प्रदेश सरकार की बिजली नीति के मुताबिक जिला मुख्यालयों को 24 घंटे, तहसील मुख्यालय को 22 घंटे और ग्रामीण क्षेत्रों में 18 घंटे बिजली आपूर्ति की व्यवस्था है. मुख्यमंत्री ने कहा कि रोस्टर के अनुसार बिजली आपूर्ति की जाए. उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि प्रदेश में कहीं भी बिजली की कमी नहीं होनी चाहिए. यदि जरूरत हो तो आवश्यकतानुसार बिजली खरीदकर आम जनता को बिजली उपलब्ध कराई जाए.
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इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने साफ शब्दों में अधिकारियों की जिम्मेदारी भी तय की. उन्होंने कहा कि अधिकारियों की फीडरवाइज जवाबदेही तय की जाए. यही नहीं, संबंधित अधिकारी प्रतिदिन हर जिले की समीक्षा करें, हर जिले में नियंत्रण कक्ष स्थापित किया जाए. जिले में नियमित रूप से जिलाधिकारी बिजली व्यवस्था की निगरानी करें.
मुख्यमंत्री के निर्देशों के मद्देनजर ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने भीषण गर्मी और लू के दौरान प्रदेश में हो रही अप्रत्याशित विद्युत कटौती, ट्रिपिंग, मरम्मत का बहाना बनाकर किए जा रहे अनुचित शटडाउन पर नाराजगी व्यक्त की है. उन्होंने कहा है कि किसी भी विपरीत परिस्थिति से निपटने के लिए पहले से ही पूरी तैयारी व मॉनीटरिंग के निर्देश दिए गए हैं. लेकिन, विभाग के अधिकारियों पर इसका कोई असर नहीं पड़ता है।
उन्होंने विद्युत कार्मिकों की ओर से उपभोक्ताओं से अच्छा व्यवहार नहीं करने तथा बिजली व्यवस्था सुधार के लिए कार्य संस्कृति में बदलाव न लाने पर कड़ी कार्यवाही की चेतावनी दी है. बताया जा रहा है कि उन्होंने कहा कि पूरा शक्तिभवन विद्युत कार्यों को लेकर सचेत नहीं है. यहां पर अधिकारियों के बैठने का कोई लाभ उपभोक्ताओं को नहीं मिल रहा है. ये सब मिलकर ऊर्जा विभाग की बदनामी करा रहे हैं. बिजली विभाग के कार्मिकों की लापरवाही से व्यवस्था पटरी पर नहीं आ रही है.