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झारखंड में नवजात बच्ची को बैग में पैक करके डस्टबिन में फेंका, लॉज के छात्रों ने पुलिस को दी सूचना

बच्ची के रोने की आवाज सुन कर लॉज के छात्र डस्टबिन के पास पहुंचे, तो उन्हें एक बैग मिला. छात्रों ने डस्टबिन से बैग को निकाला और उसे खोला, तो एक नवजात मिली. बच्ची लगातार रो रही थी. छात्रों ने बच्ची को बाहर निकाला. फिर, इसकी जानकारी पुलिस व बाल कल्याण समाज समिति के सदस्यों को दी.

झारखंड की राजधानी रांची से करीब 90 किलोमीटर दूर स्थित हजारीबाग जिले में एक नवजात बच्ची को डस्टबिन में फेंक दिया गया. कुछ छात्रों ने इसके बारे में पुलिस को सूचना दी. इसके बाद बच्ची को डस्टबिन से निकालकर अस्पताल पहुंचाया गया. दरअसल, हजारीबाग शहर के मटवारी में एक डस्टबिन से दो दिन की नवजात बच्ची मिली. बच्ची को एक बैग के अंदर प्लास्टिक रैपर में लपेट कर फेंका गया था.

लॉज के छात्र ने सुनी बच्ची के रोने की आवाज

बच्ची के रोने की आवाज सुनकर लॉज के छात्र डस्टबिन के पास पहुंचे, तो उन्हें एक बैग मिला. छात्रों ने डस्टबिन से बैग को निकाला और उसे खोला, तो एक नवजात मिली. बच्ची लगातार रो रही थी. छात्रों ने बच्ची को बाहर निकाला. फिर, इसकी जानकारी पुलिस व बाल कल्याण समाज समिति के सदस्यों को दी. घटना 15 जून की रात 10 बजे की है. सूचना मिलने पर पहुंची कोर्रा पुलिस को तत्काल नवजात को शेख भिखारी मेडिकल काॅलेज अस्पताल में भर्ती कराया.

शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज में बच्ची को भर्ती कराया

शिशु रोग विशेषज्ञ डाॅ सुभाष प्रसाद ने कहा कि 15 जून की देर रात 11 बजे कोर्रा पुलिस ने शेख भिखारी मेडिकल काॅलेज में नवजात को भर्ती कराया है. एसएनसीयू में रख कर बच्ची का इलाज किया जा रहा है. नवजात को फिलहाल वॉर्मर मशीन में रखा गया है. उसका टेस्ट किया जा रहा है. जांच रिपोर्ट आने के बाद पता चलेगा कि नवजात स्वस्थ है या नहीं.

छात्र बोले- यह क्रूरता है

लॉज के छात्र राहुल ने कहा कि मटवारी स्थित एक होटल के समीप डस्टबिन से किसी बच्चे के रोने की आवाज सुनायी दी. इसके बाद मैंने अपने दोस्तों को बुलाया. डस्टबिन से बैग को बाहर निकाला. बैग का चेन इस प्रकार बंद था कि वह खुल नहीं रहा था. इसके बाद बैग को फाड़ दिया. अंदर प्लास्टिक के रैपर में नवजात बच्ची को देखा. वह रो रही थी. लॉज के छात्रों ने बताया कि किसी को भी इतना निर्दयी नहीं बनना चाहिए. नवजात को डस्टबिन में फेंक देना, क्रूरता है.

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