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झारखंड: हजारीबाग जिले के 16 प्रखंडों में 28 घाट चिह्नित, 16 अक्टूबर से बिकेगा बालू

बड़कागांव प्रखंड में बड़कागांव रिवर (नदी) से बालू निकालने के लिए लांगातू, सिकरी, पंडरिया व सिरमा को घाट बनाया गया है. इसी प्रखंड में बदमाही रिवर से बालू निकालने के लिए बादम, रतपुरा, धबांडीह, कुतूलिया, गोसांई बलिया, हरली व चौपदार बलिया को घाट बनाया गया है.

हजारीबाग, आरिफ. पांच वर्ष बाद हजारीबाग जिले में 28 बालू घाट को चिह्नित किया गया है. कागजी प्रक्रिया पूरी की जा रही है. 16 अक्तूबर 2023 से सभी घाट से आम लोगों को आसानी से बालू मिलेगा. अभी नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेश पर (10 जून से 15 अक्टूबर तक) सभी नदी एवं जलस्रोत से बालू के उत्खनन एवं उठाव पर पूरी तरह रोक लगी है. जिले के 16 में तीन प्रखंडों में 28 बालू घाट चिह्नित किये गये हैं. बड़कागांव में सबसे अधिक 16 बालू घाट हैं. बरही में 10 और सबसे कम बरकट्ठा में दो बालू घाट हैं. सभी 28 बालू घाट को 11 क्लस्टर में बांटा गया है. मसलन 500 मीटर दूरी के सभी घाट को मिला कर एक क्लस्टर बनाया गया है.

ये हैं बालू घाट

बड़कागांव प्रखंड में बड़कागांव रिवर (नदी) से बालू निकालने के लिए लांगातू, सिकरी, पंडरिया व सिरमा को घाट बनाया गया है. इसी प्रखंड में बदमाही रिवर से बालू निकालने के लिए बादम, रतपुरा, धबांडीह, कुतूलिया, गोसांई बलिया, हरली व चौपदार बलिया को घाट बनाया गया है. बड़कागांव के बोकारो रिवर से बालू निकालने के लिए पंडरिया, सिरमा, कांडतरी, सांढ़ एवं सोनपुरा को घाट बनाया गया है. बरही प्रखंड में बराकर रिवर से बालू निकालने के लिए बेला, बहेराबाद एवं बैरिसल को घाट बनाया गया है. बरकट्ठा प्रखंड के बरसोती रिवर बालू निकालने के लिए मासीपीढ़ी व बेलकप्पी को बालू घाट बनाया गया है.

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28 बालू घाट किए गए हैं चिह्नित

जिला सर्वे रिपोर्ट (डीएसआर) में हजारीबाग से 195 बालू घाट का रिपोर्ट स्टेट एनवायरनमेंट इंपेक्ट अथॉरिटी को भेजी गयी थी. इसमें 28 बालू घाट चिह्नित किया गया है. स्टेट एनवायरनमेंट इंपैक्ट अथॉरिटी में वन प्रमंडल पदाधिकारी पश्चिमी वन प्रमंडल हजारीबाग, वन प्रमंडल पदाधिकारी पूर्वी वन प्रमंडल हजारीबाग, वन प्रमंडल पदाधिकारी वन प्राणी प्रमंडल हजारीबाग, अपर समाहर्ता, असैनिक सल्य चिकित्सक, अनुमंडल पदाधिकारी सदर, अनुमंडल पदाधिकारी बरही, कार्यपालक अभियंता लघु सिंचाई प्रमंडल, जिला कृषि पदाधिकारी, क्षेत्रीय पदाधिकारी झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण परिषद, सहायक निदेशक भूतत्व जिला भुत्तात्विक कार्यालय एवं जिला खनन पदाधिकारी शामिल हैं.

2019 के बाद बंद था बालू घाट

जिला खनन पदाधिकारी अजीत कुमार ने बताया कि वर्ष 2019 के बाद बालू घाट बंद था. जिला सर्वे रिपोर्ट में 195 बालू घाट की रिपोर्ट स्टेट एनवायरमेंट इंपैक्ट अथॉरिटी को भेजी गयी थी. इसमें सभी मानक को पूरा करनेवाले 28 बालू घाट को चिह्नित किया गया है. रिपोर्ट जिला को प्राप्त हो गया है. शीघ्र ही जेएसएमडीसी (झारखंड स्टेट मिनरल डेवलपमेंट अथॉरिटी) की ओर से रजिस्टर्ड डीएमओ (मिनरल डेवलपमेंट अथॉरिटी) को बालू उत्खनन कर स्टोरेज (जमा) करने के लिए काम मिलेगा. जेएसएमडीसी के माध्यम से डीएमओ का चयन होगा. अभी बालू उत्खनन एवं उठाव पर एनजीटी की रोक है. 16 अक्तूबर 2023 से सभी घाटों पर बालू मिलेगा. सरकार की ओर से निर्धारित मूल्य पर आसानी से लोग बालू खरीद सकेंगे. घाट से बालू ले जाने का ट्रांसपोर्टिंग खर्च उपभोक्ता को उठाना होगा.

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