बिहार के 12 जिलों में एइएस (चमकी बुखार) पीड़ितों में सबसे अधिक मुजफ्फरपुर जिले के बच्चे पीकू में भर्ती हुए हैं. स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी से जून माह तक जिन जिलों के बच्चे एइएस से पीड़ित हुए हैं, उसमें मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, मोतिहारी, बेतिया व शिवहर के शामिल हैं. जबकि मधुबनी, दरभंगा, समस्तीपुर, वैशाली, रक्सौल, बेगूसराय, सीवान में बच्चे इस साल एइएस से पीड़ित नहीं हुए हैं. एइएस से पीड़ित होने वाले पांच जिलों को अलर्ट रहने का निर्देश दिया गया है. चिकित्सकों की माने तो गर्मी कम होने और तापमान सामान्य होने तक बच्चों को इससे संक्रमण का खतरा बना हुआ है.
अब तक एइएस के जो मामले सामने आये हैं, उनमें ग्रामीण परिवेश के बच्चे ही एइएस से पीड़ित हुए हैं. शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ गोपाल शंकर सहनी का कहना है कि लगातार बढ़ रही गर्मी और उसके बाद उमस भरी गर्मी की वजह से फिर चमकी बुखार से जुड़े मामले में तेजी से बढ़ रहे हैं. इस साल एइएस मरीजों की संख्या बढ़ कर 47 हो गयी है. हालांकि सभी बच्चे स्वस्थ होकर अस्पताल से घर चले गये हैं. डॉ. साहनी का कहना है कि अधिकांश मरीज देहाती क्षेत्रों से आ रहे हैं. क्योंकि, वहां ब्च्चे पानी में खेलते हैं, फिर भीगते हैं. तेज धूप भी लगती है. लगातार टेम्परेचर में बदलाव होने से बच्चों का शरीर एडजस्ट नहीं कर पाता है. इस कारण वे अधिक बीमार पड़ रहे हैं. बच्चों को चमकी बुखार जैसे जानलेवा बीमारियों से बचाने के लिए कुछ एहतियातन बरतना आवश्यक है. बच्चों को जैपीनीज एनसेफलाइटीस की वैक्सीन दी जानी चाहिए. इसके साथ ही बच्चों को मच्छरों से बचा कर रखना चाहिए. क्योंकि ऐसी बीमारियां मस्क्योटो बाइट से ज्यादा फैलती हैं.
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मुजफ्फरपुर- 30
मोतिहारी- 4
सीतामढी- 8
बेतिया- 3
शिवहर-2