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बिहार के कमलेश कमल को साहित्य का विष्णु प्रभाकर सम्मान

कमलेश कमल के साथ ही विभिन्न क्षेत्रों के चार अन्य लोगों को यह सम्मान दिया गया. प्लास्टिक के विरोध में गांव-गांव और शहर-शहर में सघन अभियान चलाने वाली डॉ अनुभा पुंढीर को समाज सेवा और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिए विष्णु प्रभाकर स्मृति सम्मान दिया गया.

कमलेश कमल सहित पांच लोगों को विष्णु प्रभाकर सम्मान मिला है. विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान के लिए इन पांच लोगों को प्रतिष्ठित विष्णु प्रभाकर राष्ट्रीय सम्मान से सम्मानित किया गया. साहित्य के लिए यह सम्मान कमलेश कमल को मिला, जो विगत दो दशकों से साहित्य एवं भाषा-विज्ञान के क्षेत्र में लगातार कार्य कर रहे हैं. उनकी पुस्तकें देश भर के लोग पसंद करते हैं. देश भर के विश्वविद्यालयों एवं प्रमुख संस्थाओं में हिंदी-भाषा के शुद्ध रूप का प्रचार-प्रसार करने के कारण विद्यार्थियों के बीच वे काफी लोकप्रिय हैं. साथ ही, संघ लोक सेवा आयोग हेतु वे हिंदी और निबंध विषय की कक्षाएं भी चलाते हैं वो भी बिना किसी शुल्क के.

कमलेश कमल के साथ ही विभिन्न क्षेत्रों के चार अन्य लोगों को यह सम्मान दिया गया. प्लास्टिक के विरोध में गांव-गांव और शहर-शहर में सघन अभियान चलाने वाली डॉ अनुभा पुंढीर को समाज सेवा और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिए विष्णु प्रभाकर स्मृति सम्मान दिया गया. अनुभा जानी-मानी नृत्यांगना भी हैं. अपने गृह राज्य उत्तराखंड में प्लास्टिक के इस्तेमाल के विरोध में उन्होंने लाखों लोगों को अपनी संस्था की ओर से कपड़े के थैले मुहैया कराये. उनके प्रयास से असंख्य लोगों ने खुद को सदा के किए प्लास्टिक से अलग थलग कर लिया.

इनके अलावा अहमदाबाद गुजरात के जनक दवे को पत्रकारिता के लिए, गांधीनगर के सीताराम बरोट ‘सत्यम’ को शिक्षा के लिए और दिल्ली की अपर्णा सारथे को कला के लिए विष्णु प्रभाकर स्मृति सम्मान दिया गया. जनक दबे ने जान जोखिम में डालकर यूक्रेन के युद्धग्रस्त क्षेत्र की शानदार लाइव कवरेज की. इसी प्रकार, लेखन और अन्य प्रदर्शन कला के जरिए बच्चों को शिक्षित करने के क्षेत्र में सीताराम बरोट की भूमिका बहुत अहम है.

राष्ट्रीय स्तर का यह सम्मान गांधी हिंदुस्तानी साहित्य सभा, नई दिल्ली और विष्णु प्रभाकर प्रतिष्ठान, नोएडा द्वारा संचालित सन्निधि संगोष्ठी की ओर से दिया गया. पिछले दस सालों से सन्निधि संगोष्ठी द्वारा हरेक साल में दिसंबर में काका साहब कालेलकर और जून में विष्णु प्रभाकर की याद में विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य करने वाली पांच-पांच युवा-हस्तियों को काका साहब कालेलकर सम्मान और विष्णु प्रभाकर सम्मान से सम्मानित किया जाता है. ये सम्मान युवा हस्तियों में नैतिक ऊर्जा भरते हैं और युवाओं में उत्साह का संचार होता है. वे प्रोत्साहित होकर सृजन के नये आयाम रचते हैं.

इस अवसर पर जनसत्ता के मुख्य संपादक मुकेश भारद्वाज, श्री ज्ञानेन्द्र रावत, प्रभात प्रकाशन के निदेशक प्रभात कुमार सहित अनेक गणमान्य लोगों उपस्थित रहे. कार्यक्रम के समापन पर विष्णु प्रभाकर प्रतिष्ठान के मंत्री अतुल कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन दिया.

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